दिग्रस।
भारत के संविधान को सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ करार देते हुए इस महान ग्रन्थ की महत्वता को कभी न भूलने की हिदायत न्यायाधीश मुंबई उच्च न्यायालय खंडपीठ नागपुर तथा यवतमाल जिले के अभिभावक न्यायाधीश वी एम देशपांडे ने उपस्थितों से की, वे दिग्रस न्यायालय में शनिवार को आयोजित भारतीय संविधान उद्देशिका फलक अनावरण कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस मौके पर मंच पर प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश वीपी पाटकर, दिवानी न्यायाधीश एस एन रामटेके, महाराष्ट्र एवं गोवा बार काउंसिल सदस्य एडवोकेट आशिष देशमुख, दिग्रस बार एसोसिएशन अध्यक्ष एडवोकेट फरहाद वर्षानी, कार्यक्रम का सूत्रसंचालन दिग्रस न्यायालय न्यायाधीश नितिन ढोके ने किया। कार्यक्रम में दिग्रस सहित यवतमाल, पुसद, आरणी दारव्हा के बार एसोसिएशन सदस्य वकील बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम में मुंबई उच्च न्यायालय खंडपीठ नागपुर न्यायाधीश वीएम देशपांडे के आगमन पर दिग्रस बार एसोसिएशन की महिला सदस्य एडवोकेट आरती सवने और एडवोकेट पुष्पमाला भगत ने तिलक लगाकर और औंक्षण किया। इस दौरान दिग्रस बार एसोसिएशन की महिला तथा पुरुष सदस्यों ने मान्यवरों का स्वागत किया। भारतीय संविधान उद्देशिका फलक अनावरण कार्यक्रम में मुंबई उच्च न्यायालय खंडपीठ नागपुर तथा यवतमाल जिले के अभिभावक न्यायाधीश वी एम देशपांडे,।प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश वीपी पाटकर, महाराष्ट्र एवं गोवा बार काउंसिल सदस्य एडवोकेट आशिष देशमुख,दिग्रस न्यायालय के दिवानी न्यायाधीश एसएल रामटेके आदि ने अपने विचार प्रकट किए। मालूम हो कि उपरोक्त कार्यक्रम वैसे तो संविधान के शिल्पकार डॉ बाबासाहब आंबेडकर की जयंती (14 अप्रैल) को आयोजित होना था, लेकिन कोविड 19 के प्रकोप के मद्दनेजर राज्य सरकार द्वारा उस वक़्त कार्यक्रमों के आयोजन पर पाबंदी लगाई गई थी। इसलिए इस कार्यक्रम के आयोजन में विलंब हुआ। बहरहाल कार्यक्रम में वरिष्ठ एडवोकेट साजिद वर्षानी,वरिष्ठ एडवोकेट हटकर, वरिष्ठ एडवोकेट ताज अली मलनस एडवोकेट प्रवीण ढाले, एडवोकेट राठोड आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे। इस मौके पर दिग्रस बार एसोसिएशन के वकीलों और वरिष्ठ वकीलों ने दिग्रस न्यायालय से संबंधित विभिन्न मांगों का ज्ञापन मुंबई उच्च न्यायालय खंडपीठ नागपुर के न्यायाधीश वीएम देशपांडे को सौंपा। इस कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगीत गाकर किया गया।