हाल ही में शासन ने नए शैक्षणिक धारण को अमल में लाने का निर्णय लिया। जिसे मुक्तांगण स्कूल द्वारा हिंगणघाट और नंदोरी की शाखा में
विभिन्न शैक्षणिक कार्यक्रमों द्वारा अमल में लाया गया। यह कार्यक्रम हप्ताभर अमल में लाया गया।
शासन द्वारा निर्धारित नए शैक्षणिक धोरण के बाबत (पालक तथा शिक्षक ) सभी स्कूल के लिए निःशुल्क परिसंवाद का आयोजन किया गया। स्कूल के नए सत्र में अभिमुखता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ऐसे दोनो कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस में आजूबाजूचे गाव सेलू, पोथरा, गोविंदपुर, नारायणपूर, पाठर, बेलघाट, बल्लारपूर, वाघ सावली, मेंदूला आदि के पालक बहुसंख्ये में उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता नंदोरी के पुलिस पाटील कवडुजी सावरकर ने की।
कार्यक्रम के मार्गदर्शक संदेश मून ने नए शैक्षणिक धोरण में पालको की बदलती भूमिका को ध्यान में लेकर पाल्य के विकास के लिए तयार रहने की आवश्यकता पर बल दिया। उसीप्रकार “अभिमुखं कार्यक्रम ” की शिक्षा में नवीनता और सर्जनशीलता की आवश्यकता इस विषयपर शिक्षको से संवाद साधा।
शिक्षको के प्रायोगिक प्रयास से हर स्कूल से निकलने वाला हर छात्र का पैलू हीरे जैसे बहुव्यक्तीमत्व के साथ चमके, ये आशा जताई। छात्रों की अपेक्षा नुसार प्रायोगिक शिक्षा प्रणाली लाना ही समय की मांग है।
मानवता बहुउद्देशीय संस्था द्वारा की जाने वाले प्रयास पर स्कूल अध्यक्षा कल्पना मडावी ने मार्गदर्शन किया। नए शैक्षणिक धोरण से शिक्षको पर आनेवाली जिम्मेदारी और नए शैक्षणिक कार्यक्रम को अमल में लाने के लिये शिक्षको से तत्पर रहने का आव्हान सेंट जॉन्स कॉन्व्हेन्ट के वरिष्ठ शिक्षक स्वाती वानखडे ने किया। इस प्रसंग पर मुक्तांगण स्कूल के सभी शिक्षक तथा शिक्षकेतर कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम सूत्रसंचालन सौ वैशाली गोडे ने तो आभार मीनाक्षी ठाकरे ने किया।