तिरोड़ा नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत शहर के मध्य भाग में स्थित खाम तलाव को बुझाने का कार्य पिछले कुछ दिनों से प्रशासन के नाक के नीचे चल रहा है। तालाब बुझाने के कार्य की भनक भी प्रसासन कोनहीं है ऐसा प्रतीत होता है। या फिर तालाब बुझाने का कार्य प्रशासन में वरिष्ठ पदों पर बैठे अधिकारियों की सहमति से बड़े पैमाने पर लेनदेन के बाद शुरू होने की चर्चा तिरोड़ा शहर में व्याप्त है। तभी तो शहर के इस विशाल तालाब को बड़े आसानी से बुझाए जाने का कार्य शुरू होने के पश्चात भी प्रशासन कुंभ करनी है नींद में सोया हुआ है। इस प्रकरण की जानकारी मिलते ही मनसे के जिला अध्यक्ष हेमंत लीला रे द्वारा तुरंत इस प्रकरण प्रकरण का संज्ञान लेते हुए इसकी शिकायत जिलाधिकारी गोंदिया उपविभागीय अधिकारी तिरोड़ा तहसीलदार तिरोड़ा नगर परिषद के मुख्य अधिकारी करण कुमार चौहान इसकी शिकायत की और कहा कि बड़ी आसानी से नियोजन बद्ध तरीके से सर आपको बुझाने का कार्य चल रहा है इस विशाल तालाब में तिर्वा शहर के कई धार्मिक कार्यक्रमों का विसर्जन का कार्यक्रम किया जाता है साथ ही क्षेत्र के जानवरों को पीने का पानी भी इसी तालाब से उपलब्ध है। तालाब के होने से आजू बाजू के क्षेत्र में जलस्तर हमेशा बना रहता है। जिससे आने वाले समय में यदि तालाब बुझ जाता है, तो भविष्य में लोगों को पानी की किल्लत महसूस हो सकती है। तालाब होने से क्षेत्र में जलस्तर सामान्य रहता है यदि तालाब ही नहीं रहा तो जल कहा से रहेंगा। आने वाला कल कैसे होगा?
इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती एक तरफ शासन की ओर से पर्यावरण बचाओ, जल बचाओ जल है तो कल है। इस को ध्यान में रखकर के लाखों करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं वहीं दूसरी ओर तिरोडा शहर में तालाब बुझाने का कार्य किया जा रहा है। उसकी जगह वहां प्लाटिंग करके बेचने का षड्यंत्र है। कुछ लोगों के द्वारा किया जा रहा है। वर्तमान समय में जमीन के भाव आसमान छू रहे हैं। जिससे भूमाफियाओं की गिद्ध दृष्टि इस तालाब के ऊपर पड़ रही है। जिससे इन भू माफियाओं पर समय पर उचित कार्यवाही कर रोकने की मांग मनसे के जिला अध्यक्ष हेमंत लिल्हारे ने की है।