कोरोना से 300 साल पुराना परंपरा पर रोक इस लावा में नहीं दौडेगी बैल बंडी

300 साल की परंपरा को कोरोना का आया इस साल लावा में नही दौड़ेगी बिना बैल की बंडी कोरोना संक्रमण को देखते मेला रद्द-गोरले परिवार होली के बाद पंचमी के दिन लाव्हा गाव में 300 साल से चलते आई परंपरा को इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते मेले को रद्द करने की जानकारी 90 साल के सोनबा बाबा के 6 पीढ़ी के वंशज महादेवराव गोरले के साथ परिवार ने दी।

2 अप्रैल को पंचमी है इस दिन भक्तों को लाव्हा नही आने का आव्हान सरपंच जोत्सना सुजीत नितनवरे किया।गौरतलब है कि लाव्हा गाव में बिना बैल बंडी दौड़ती है।पंचमी के दिन भारी मात्रा में गाव में मेला लगता है।यह परंपरा करीब 300 साल से चलते आ रही है लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण मेला रद्द किया है।ग्रामपंचायत में 27 मार्च को वाड़ी पुलिस,पंचायत पदाधिकारी व गोरले परिवार की एक बैठक लेकर सभी की सहमति से यह निर्णय लिया है।पूर्व पंचायत समिति उपसभापती सुजीत नितनवरे ने गोरले परिवार का विशेष आभार माना।

मेले में आने वाले लोगो के लिए गाव की चारो और सूचना फलक लगाए जाएंगे।गाव के सभी रास्ते बेरिकेट लगाकर बन्द कीए जाएंगे।पुलिस की भी मदत ली जाएंगी।2 अप्रैल को पंचमी के दिन अब मेला नही लगेगा।लोगो ने भी कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए मेले में नही आने की अपील सुजीत नितनवरे ,उपसरपंच महेश चोखन्द्रे ने की । बैठक में सरपंच ज्योत्सनाताई नितनवरे,उपसरपंच महेश चोखान्द्रे, पूर्व सभापती सुजीत नितनवरे पीएसआई शशिकांत चिपडे,पोलिस हवालदार संजय गायकवाड,अनिल आगरकर,ग्रामविकास अधिकारी विकास लाडे, गणेश हिरणवार अध्यक्ष सोनबा बाबा उत्सव समिती,शेषराव गोरले, नितीन गोरले,गजानन गोरले,देवणातजी गोरले,पांडुरंग बोरकर(सदस्य)शमहादेव वानखेडे, रॉबिन शेलारे, माजी उपसरपंच ,माणिक वानखेडे, अशोक आगरकर, अशोक वानखेडे, विलास ढोणे,रामकृष्ण धुर्वे,शुभम गोरले,रामदास खैरकर उपस्थित प्रमुखतासे उपस्थित थे।

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