केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार मनमानी और अहंकारी है और विपक्ष को खत्म करने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों को हाथ में लेकर कार्रवाई कर रही है।
कांग्रेस पार्टी कभी भी ऐसी गतिविधियों से डरती नहीं रही और न ही कभी डरेगी। चूंकि कांग्रेस पार्टी, सोनिया जी और राहुलजी गांधी लगातार तानाशाही सरकार की सत्ता की मांग कर रहे हैं, इसलिए उन्हें झूठे मामले में रोकने के लिए केंद्र सरकार की साजिश है, लेकिन कांग्रेस पार्टी लोकतांत्रिक तरीके से इस तरह की तानाशाही का मुंहतोड़ जवाब देगी।
देश के लिए कुर्बानी, कुर्बानी और कुर्बानी देने वाले गांधी परिवार को बदनाम करने के लिए उन्हें झूठे और मनगढ़ंत मामलों में फंसाना भाजपा सरकार की कुटिल चाल है। भाजपा सरकार केंद्रीय जांच एजेंसियों के जरिए हमारी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है लेकिन कांग्रेस पार्टी इस तरह के दमन से डरती नहीं है। जनता सरकार ने भी इंदिरा जी गांधी के खिलाफ ऐसी ही कार्रवाई की थी,भंडारा जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन पंचभाई ने चेतावनी दी कि अब भाजपा सरकार भी ऐसा ही कर रही है, लेकिन कांग्रेस अहंकारी, अत्याचारी भाजपा सरकार के आगे कभी नहीं झुकेगी। हम डरेंगे, लदे और मजाक में नहीं आएंगे। सोनियाजी गांधी व राहुलजी गांधी दमनकारी केंद्र सरकार के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष मोहन पंचभाई, महिला काँग्रेस अध्यक्षा जयश्री बोरकर, युवक काँग्रेस के अध्यक्ष पवन वंजारी, जिला परिषद अध्यक्ष गंगाधर जिभकाटे, सभापति रमेश पारधी, सभापती मदन रामटेके, सभापती स्वाती वाघाये विश्राम भवन भंडारा से उनके नेतृत्व में रास्ता रोको आंदोलन किया गया और कलेक्टर कार्यालय के पास त्रिमूर्ति चौक तक धरना मार्च निकाला गया। इस समय कांग्रेस पार्टी के कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। कार्यक्रम के अवसर पर भंडारा जिल्हा काँग्रेस कमिटीके अध्यक्ष मोहन पंचभाई, महिला जिलाध्यक्ष जयश्री रविन्द्र बोरकर, भंडारा जिला युवक काँग्रेस के अध्यक्ष पवन वंजारी, प्रदेश महासचिव जिया भाई पटेल, पूर्व जिलाध्यक्ष प्रेमसागर गणवीर, जिला परिषद के अध्यक्ष गंगाधर जिभकाटे, जिला परिषद सभापति रमेश पारधि, जिला परिषद सभापती मदन रामटेके, सभापती स्वाती वाघाये, नारायण वरठे, आवेश पटेल, धनराज साठवणे, धनंजय तिरपुडे, प्यारेलाल वाघमारे , राजकपूर् राउत, विनीत देशपांडे, प्रशांत देशकर, गायत्री वाघमारे, अजय मोहनकर शंकर तेलमासरे, गणेश लिमजे, पृथ्वी तांडेकर, जीवन भजनकर, भरत खंडाइत, राजू निर्माण, शंकर तेलमासरे, राजेश हटवार, प्रेम वनवे, आकाश काकडे, विजय देशकर, मंजूषा चौहान, गायत्री वाघमारे, शीतल राउत, कुंदा आगसे, मनीषा निंबार्ते, मनीषा हलमारे, प्रिया खंडारे, प्रणाली सार्वे, सारिका नागदेवे संजय चौधरी, सोहेल अहमद, अनीक जमा पटेल, जय डोंगरे, योगेश गायधने, विजय देशकर, महेंद्र वाहने, जीवन भजनकर, सचिन फाले, आवेश पटेल, शिवा गायधने, पवन मस्के, आकाश बोंद्रे, श्रीकांत बनसोड, प्रफुल शेंडे, कमल साठवणे, धर्मेंद्र गनवीर, स्नेहन रोगडे, प्रफुल गायधने, परवेज नाहिद, संजय सार्वे, गोविंद हुकरे, तुलशिराम बिलवाने, चंद्र शेखर बनकर राजुभाउ भूरे, राकेश तांडेकर, विजय सार्वे, आलोक बँसोड,
कई पदाधिकारी व कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद थे।