बीजेपी की प्रवक्ता नुपूर शर्मा द्वारा हजरत मोहम्मद पैगंबर साहब के खिलाफ हाल ही में की गई एक बेहद अभद्र टिप्पणी से मुस्लिम समाज की भावनाएं बुरी तरह आहत हुई है। जिसके परिणाम स्वरूप देश मे 10 जून शुक्रवार को भारत बंद की घोषणा को अमल में लाया गया। जिसे दिग्रस शहर में मिलाजुला प्रतिसाद मिला है।
ज्ञात हो कि हाल ही में भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने एक टीवी न्यूज़ चैनल के डिबेट में हजरत मोहम्मद पैगम्बर के खिलाफ बेहद अभद्र टिप्पणी कर समस्त मुस्लिम समाज की भावनाओ को आहत किया था। जिसके परिणाम स्वरूप न सिर्फ देशभर का मुस्लिम समाज बल्कि दुनियाभर के ज्यादातर मुस्लिम देश भी इस घटना पर कड़ी आपत्ति जता रहे है। इस प्रकरण में भारत सरकार से खफा ओआईसी (OIC) याने मुस्लिम देशों के इस्लामिक सहयोग संगठन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत देश मे मुस्लिम समाज और इस्लाम धर्म के खिलाफ उपज रही जहरीली मानसिकता पर रोक लगाने के लिए आवाज उठाई हैं। बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बेतुके और अपमानजनक वक्तव्य के बाद देश में कुछ जगहों पर हिंसा की भी खबरें सामने आयी है। ऐसे में नूपुर शर्मा के बयान के विरोध में 10 जून शुक्रवार को भारत बंद का ऐलान किया गया जिसको यवतमाल जिले के दिग्रस शहर में मिलाजुला प्रतिसाद मिला। ज्यादातर मुस्लिम इलाको से सटे बाजार जैसे आरणी नाका आदि सहित मार्केट लाइन में मुस्लिम व्यसायिको की दुकानें विशेष रूप से बंद नजर आयी।
यह पहला मामला नही है इसके पहले भी बीजेपी में नेताओ द्वारा विवादित टिप्पणियां देखने सुनने मिलती रही है। इस बार जब बीजेपी नेता नवीन जिंदल और प्रवक्ता नूपुर शर्मा के विवादित बयानों पर ओआईसी ने कड़ी आपत्ति जतायी तब जाकर बीजेपी ने उन दोनों की पार्टी की प्रार्थमिक सदस्यता रद्द की है। बहरहाल, देश मे यूं तो बेरोजगारी,महंगाई जैसे कई मसले है कई समस्याएं है जिससे जनता जूझ रही है। लेकिन राजनीतिक पार्टी के प्रवक्ता जनता से जुड़ी समस्याओं के बारे में बोलने के बजाए जनता की भावनाओ को आहत कर हिन्दू मुस्लिम फसाद के लिए जरूरी वातावरण का निर्माण करते नजर आरहे ताकि देश की जनता का ध्यान बुनियादी मुद्दों से हट जाए और सत्ताभिलाषी राजनीतिक पार्टियों की दुकानें चलती रहे।