पारंपरिक त्योहारों ने एक आधुनिक मोड़ ले लिया है, फिर भी महिलाएं कई पारंपरिक त्योहारों के महत्व को बरकरार रखती हैं। उनमें से एक हल्दी कुंकूम है। हालांकि समय के साथ किस्में बदल गई हैं, हल्दी कुंकूम का महत्व अभी भी कम नहीं है ऐसा वक्तव्य अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सदस्य कुंदाताई राऊत इन्होंने मंच पर किया।
वाड़ी के पूर्व नगराध्यक्ष प्रेम झाड़े मित्र परिवार की और से रविवार को रामकृष्ण सभागृह शाम 5 बजे हल्दी कुमकुम कार्यक्रम आयोजीत किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्ष के रूप में कुन्दा राऊत थी।दीप प्रज्वलन सुनीता गावंडे, कुमुद घोड़मारे,ममता धोपटे ने किया। कार्यक्रम में महिलाओं को सम्मानित किया गया।
उपस्थित महिला प्रमुख ने महिलाओ को मार्गदर्शन किया।सुनिता गावंडे, कुमूद विजय घोडमारे,कुंदाताई राऊत,ममता धोपटे, लिना निकम, मेघना मंडपे, नंदा नरवाड़े जयाताई देशमुख,प्रतिमा मोरे प्रतिक्षाताई पाटील, प्रमिलाताई पवार प्रमुखतासे उपस्थित थी।
कार्यकम में समाज मे अच्छे कार्य करने वाली महिलाओं का कोरोना योद्धा के रुप सम्मान किया जिसमें डॉ रश्मी धूर्वे, योगिता चौधरी, भारती माडेकर, सौ लोखंडे का समावेश है।कार्यक्रम का आयोजन प्रज्ञा प्रेमभाऊ झाडे, प्रेमभाऊ झाडे मित्र परिवार ने किया। जयश्री हसनापूरे,मिनाश्री पाटील, दूर्गा जुंगरे, वेदांती झाडे,देवकन्या मेश्राम, मंदा नरवाडे, मेघना मंडपे, शालू कोकाटे, नृनमई राजाभाऊ जोध के साथ हजारों महिला कार्यकम में शामिल हुई।