अमेरिका ने भारतीय आयात पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लागू करने की अधिसूचना जारी की है, जिससे कुल टैरिफ 50% तक पहुंच गया है। यह नया आदेश 27 अगस्त 2025, सुबह 12:01 (EDT) से प्रभावी होगा।
इस कदम का उद्देश्य अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंता जताना है, विशेषकर भारत के रूसी क्रूड ऑयल आयात को लेकर।
2. झटका चारों ओर
भारतीय बाजार: इस घोषणा के बाद भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट और रुपये में कमजोरी देखी गई है।
MSME तथा निर्यातकों की चिंता: एफआईईओ (FIEO) ने चेतावनी दी कि लगभग 55% भारतीय निर्यात—विशेषकर एमएसएमई—गंभीर जोखिम में आ सकते हैं।
सूरत की डायमंड इंडस्ट्री पर प्रभाव: ग्लोबल डायमंड किस्म के कटिंग और पॉलिशिंग का 80% हिस्सा सूरत से होती है। इस टैरिफ के चलते 50,000 से अधिक कामगार बर्खास्त हो चुके हैं और और भी प्रभावित हो सकते हैं।
सरकारी अनुमान: वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार लगभग $48.2 अरब के एक्सपोर्ट प्रभावित होंगे, जो 2024 के आधार पर निर्यात का बड़ा हिस्सा हैं।
3. भारत की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि वे किसानों, छोटे उद्योगों और राष्ट्रहित की रक्षा के लिए किसी भी दबाव को सहन करने को तैयार हैं।
MEA response: विदेश मंत्रालय ने इन टैरिफ को “अनुचित और असंगत” बताते हुए भारत के ऊर्जा निर्णयों को आवश्यक बताया।
वितरण और समर्थन: सरकार ने निर्यातकों को अन्य बाजार जैसे चीन, लैटिन अमेरिका, मध्य पूर्व आदि में विस्तार करने के लिए प्रेरित किया है। साथ ही एमएसएमई सेक्टर को वित्तीय सहायता देने की घोषणा की गई।Reuters+1
4. क्या-क्या छूट है?
कुछ विशेष वस्तुएँ जैसे कि फार्मा उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएँ, और इन-ट्रांजिट शिपमेंट्स जिन्हें सही प्रमाण के साथ बताया गया हो — ये टैरिफ से छूटे रहेंगे।
5. दीर्घकालिक परिदृश्य
डिप्लोमैटिक तनाव: यह कदम द्विपक्षीय संबंधों में अविश्वास और गहरी दूरियाँ पैदा कर सकता है, खासकर रक्षा और क्वाड जैसी रणनीतिक साझेदारियों में।
रणनीतिक पुन:निर्देशन: भारत संभवत: रूस, चीन और अन्य साझेदारों की ओर और अधिक जुड़ सकता है।
अमेरिका में भी असर: अमेरिकी उपभोक्ता और कंपनियाँ—विशेषकर टेक और फैशन क्षेत्र—भारतीय वस्तुओं पर बढ़े हुए दामों से प्रभावित हो सकते हैं।