
स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम और देशभक्ति गीत पूरे देश में उत्साह और एकता का माहौल बना देते हैं। यह दिन केवल ऐतिहासिक यादों को ताज़ा करने का ही नहीं, बल्कि कला, संगीत और नृत्य के माध्यम से देशभक्ति की भावना को अभिव्यक्त करने का अवसर भी है।
स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी संस्थानों और स्थानीय समुदायों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इन कार्यक्रमों की शुरुआत आमतौर पर ध्वजारोहण और राष्ट्रगान से होती है, जिसके बाद मंच पर एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियाँ होती हैं। विद्यार्थी और कलाकार देशभक्ति गीत गाते हैं जो सीधे दिल को छू जाते हैं, जैसे “सारे जहाँ से अच्छा”, “ऐ वतन, ऐ वतन” आदि। ये गीत न केवल देश की मिट्टी की खुशबू बिखेरते हैं, बल्कि सुनने वालों के भीतर राष्ट्रप्रेम की लहर जगा देते हैं।
नृत्य प्रस्तुतियाँ भी इस अवसर पर विशेष आकर्षण का केंद्र होती हैं। विभिन्न राज्यों की लोकनृत्यों पर आधारित प्रस्तुतियाँ “विविधता में एकता” का अद्भुत उदाहरण पेश करती हैं। साथ ही, स्वतंत्रता संग्राम की घटनाओं पर आधारित नाट्य प्रस्तुति दर्शकों को अतीत की यादों में ले जाती है और उन्हें शहीदों के बलिदान का एहसास कराती है।
देशभक्ति कविता पाठ भी इन कार्यक्रमों में अहम स्थान रखते हैं। कवि और विद्यार्थी अपने शब्दों के जरिए आज़ादी की कीमत और देश के प्रति जिम्मेदारी का संदेश देते हैं। कुछ जगहों पर चित्रकला और पोस्टर प्रदर्शनी भी लगाई जाती है, जिनमें स्वतंत्रता संग्राम, तिरंगा और देश की प्रगति को दर्शाया जाता है।
इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि एक गहरी भावना जगाना है—कि हम सब मिलकर इस देश को और मजबूत बना सकते हैं। जब एक ही मंच पर विभिन्न भाषाओं, संस्कृतियों और कलाओं का संगम होता है, तो यह हमारे देश की सच्ची ताकत को दर्शाता है।