
स्वतंत्रता दिवस पर स्कूलों और कॉलेजों में होने वाले कार्यक्रम देशभक्ति के माहौल को और भी जीवंत बना देते हैं। यह दिन विद्यार्थियों के लिए केवल छुट्टी का दिन नहीं, बल्कि देश के इतिहास, संस्कृति और स्वतंत्रता संग्राम के महत्व को समझने का सुनहरा अवसर होता है। 15 अगस्त की सुबह स्कूल और कॉलेजों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ कार्यक्रमों की शुरुआत होती है। प्राचार्य या मुख्य अतिथि ध्वजारोहण करते हैं, राष्ट्रगान गाया जाता है और बच्चों को देश की एकता और अखंडता बनाए रखने का संकल्प दिलाया जाता है।
इन कार्यक्रमों में सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ विशेष आकर्षण का केंद्र होती हैं। विद्यार्थी देशभक्ति गीत, नृत्य, नाटक और कविताओं के माध्यम से स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष और बलिदान को प्रस्तुत करते हैं। ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित नाटक बच्चों और दर्शकों को देश के अतीत से जोड़ते हैं, जिससे उन्हें यह समझने में मदद मिलती है कि आज़ादी कितने संघर्ष और बलिदान के बाद मिली है।
अनेक स्कूलों और कॉलेजों में भाषण प्रतियोगिताएँ, चित्रकला प्रदर्शनियाँ और निबंध लेखन जैसे कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। इन गतिविधियों का उद्देश्य विद्यार्थियों में रचनात्मकता के साथ-साथ राष्ट्रप्रेम की भावना जगाना होता है।
शिक्षक और प्रबंधन इस दिन को प्रेरणादायक बनाने के लिए स्वतंत्रता सेनानियों की जीवनी, देश की प्रगति और भविष्य की चुनौतियों पर चर्चा करते हैं। इससे छात्रों को यह एहसास होता है कि स्वतंत्रता सिर्फ एक ऐतिहासिक घटना नहीं, बल्कि इसे बनाए रखना और मजबूत करना हमारी जिम्मेदारी है।
इन सभी आयोजनों का मुख्य उद्देश्य नई पीढ़ी में देश के प्रति गर्व और जिम्मेदारी की भावना पैदा करना है। जब बच्चे मंच पर तिरंगे की शान में गीत गाते हैं या वीर शहीदों का अभिनय करते हैं, तो यह उनके दिलों में आज़ादी की असली कीमत और उसके महत्व की अमिट छाप छोड़ देता है।