नागपुर। (नामेस)।
शहर पुलिस की सामाजिक सुरक्षा शाखा ने गुप्त सूचना के आधार पर एक 11 वर्षीय बालिका को देह-व्यापार में ढकेलने वाली 3 महिला दलालों को गिरफ्तार किया. आरोपियों ने 40,000 रुपये में बालिका के कौमार्य का सौदा किया था. आरोपियों के नाम खरबी वाठोड़ा निवासी अर्चना शेखर वैशम्पायन (39), गोधनी निवासी रंजना चतुर्भुज मेश्राम (45) और बांग्लादेश पांचपावली निवासी कविता पुरुषोत्तम निखारे (30) बताए गए हैं. अर्चना इस पूरे मामले की मास्टरमाइंड बताई जाती है.
बेटे की देखभाल के नाम पर ले गई थी
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ महिलाएं छोटी बच्चियों को देह व्यापार में ढकेल रही हैं. ऐसे में एक पंटर की मदद से अर्चना से संपर्क किया गया और एक वर्जिन नाबालिग की मांग की गई. अर्चना मान गई और 40,000 रुपये में ऐसी नाबालिग लड़की उपलब्ध कराने की बात कही. अर्चना ने अपने साथ रंजना और कविता को भी इसमें शामिल कर लिया. दीप्ति अपनी मां और 3 बहनों के साथ सोनेगांव परिसर में रहती है. वह अपनी बहनों में तीसरे नंबर की है.
अर्चना ने दीप्ति की मां से कहा कि वह उसे अपने 2 वर्ष के बेटे की देखभाल के लिए ले जाना चाहती है, जिसके लिए वह उसे हर माह 5,000 रुपये देगी. दीप्ति की मां अर्चना के इरादे भांप नहीं सकी और हामी भर दी. इसके बाद अर्चना दीप्ति को कोराडी क्षेत्र के ओमनगर स्थित सिद्धार्थ रेसिडेंसी ले गई. वहां रंजना और कविता के अलावा पंटर पहले से मौजूद थे.
इशारा मिलते ही छापेमारी
यहां आरोपी महिलाओं ने 40,000 रुपये में बालिका के कौमार्य का सौदा किया और उसे पंटर के साथ दूसरे कमरे में भेज दिया. पंटर जैसे ही कमरे में पहुंचा उसने पुलिस को इशारा कर दिया. इशारा मिलते ही पुलिस ने उक्त फ्लैट पर छापा मारकर तीनों आरोपी महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया.
हाल ही में जेल से छूटी है अर्चना
तीनों महिला आरोपियों की जांच में पुलिस को हैरान करने वाली जानकारियां मिली. पुलिस को पता चला कि अर्चना काफी पहले से देह-व्यापार में लिप्त रही है. उस पर धोखाधड़ी समेत पीटा एक्ट के तहत पहले भी मामला दर्ज हो चुका है और वह हाल ही में जेल से छूटकर आई है. वहीं, दूसरी आरोपी रंजना पर भी 2020 में पीटा के तहत कार्रवाई हो चुकी है, जबकि कविता इनके लिए ग्राहक लाने का काम करती थी.
यह कार्रवाई अपर पुलिस आयुक्त (क्राइम) सुनील फुलारी, उपायुक्त (क्राइम) गजानन राजमाने, एसीपी नलावडे के मार्गदर्शन में पीआई शरद कदम, एपीआई वंदना मनगटे, मंगला हरडे, अनिल अंबाडे, सुनील इंगले, संदीप चंगोले, राशिद शेख, अजय पौनीकर, मनीष रामटेके, चेतन गेडाम, सुधीर तिवारी, रीना जाउरकर, प्रतिमा मेश्राम ने की.