भंडारा।
भंडारा जिला कांग्रेस अध्यक्ष मोहन पंचभाई ने कहा कि ओबीसी वर्ग के भविष्य के विकास के लिए ओबीसी समुदाय को सतर्क रहने का समय आ गया है। क्या ऐसी जनगणना का मतलब यह है कि अन्य ओबीसी भाई भारतीय नागरिक नहीं हैं क्या ? यदि जातिवार ओबीसी जनगणना की जाती है तो प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र को संख्या के अनुपात में हिस्सा मिलेगा, प्रगति का हिस्सा खुला रहेगा और ओबीसी को उनकी संख्या के अनुसार अधिकार मिलेगा। ओबीसी जनगणना के लाभ में यदि जनगणना हो जाती है तो गैर-अपराधी की स्थिति को रद्द कर दिया जाएगा। यदि जनगणना की जाती है तो हमारी जनसंख्या का पता चलेगा। यदि जनगणना की जाती है तो ओबीसी की स्थिति का पता चल जाएगा। अगर जनगणना होती है तो हर साल ओबीसी के कल्याण के लिए केंद्रीय बजट में 10 लाख करोड़ रुपये और राज्य के बजट में 50 हजार करोड़ रुपये आवंटित करने होते हैं। अगर जनगणना होती है तो जनसंख्या के हिसाब से आरक्षण दिया जाएगा। यदि हां, तो विधान सभा और लोकसभा में आरक्षित सीटें उपलब्ध होंगी। जनगणना होने पर ओबीसी बच्चों को शत-प्रतिशत छात्रवृत्ति दी जाएगी। यदि जनगणना हो जाती है, तो हमारे सभी आर्थिक, शैक्षिक, राजनीतिक, सामाजिक-सांस्कृतिक मुद्दे हल हो जाएंगे। ओबीसी जनगणना होने पर पदोन्नति में आरक्षण दिया जाएगा। ओबीसी किसानों को वायर हार्नेस, बंडी, इंजन, कंटीले तार, हल, रिंच आदि मुफ्त मिलेंगे। जनगणना हुई तो यूपीएससी, एमबीबीएस, बीडीएस बढ़ेगी। अगर ओबीसी की जनगणना हो जाती है तो ओबीसी अवधारणा का समग्र विकास होगा। जिलाध्यक्ष मोहन पंचभाई ने ओबीसी को जनगणना कराने की अपील कि है।