रामटेक।
रामटेक से 3 किमी की दूरी पर हिवरा-हिवरी मार्ग पर बना पुल 14 सितंबर को भारी बारिश के कारण बह गया। 14 सितंबर को महज 5 घंटे में 85 मिलीमीटर बारिश हुई। पुल गिरने से जिला परिषद निर्माण विभाग ने चौपहिया वाहनों की आवाजाही रोक दी है। सिर्फ दोपहिया वाहन ही चल रहे हैं। खास बात यह है कि पिछले साल 9 सितंबर को पुल का आधा हिस्सा एक तरफ सुरक्षात्मक दीवारों के साथ उखड़ गया था। उस समय जिला परिषद निर्माण विभाग ने पुल की मरम्मत की थी। अब किसी बड़े हादसे की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।ग्रामीणों ने पुल की तत्काल मरम्मत और नए पुलीया की मांग की है। तीन साल पहले रामटेक हिवरा-हिवरी मार्ग पर हनुमान मंदिर के पास नाले पर पुल बनाया गया था। इस पुल का निर्माण स्तर घटीया था। इस कारण पुल पिछले दो साल से जर्जर है। लेकिन संबंधित विभाग ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। इस ओर न तो प्रशासन और न ही जनप्रतिनिधियों ने ध्यान दिया।
15 सितंबर को तालुका में भारी बारिश हुई। इसके अलावा,पानी की तेज गति के कारण, आधे से अधिक पुल एक तरफ सुरक्षात्मक दीवार से बह गया था। इस मार्ग से कन्हान, मौदा, नागपुर और कई अन्य गांवों तक पहुंचने के लिए भारी यातायात होता है। हालांकि, सड़क और पुल के कटाव के कारण यातायात रोक दिया गया हैं। रामटेक, जो कि केवल 3 किमी है, चार पहियों से कैसे पहुंचे ? किसान ट्रैक्टर के साथ कैसे काम करें ? इस बारे में पूछे जाने पर जिला परिषद निर्माण विभाग के कनिष्ठ अभियंता पाटिल ने कहा कि मरम्मत कार्य कार्यकारी अभियंता के अनुमोदन से और बारिश बंद होने पर करना होगा। काम बड़ा है, अब चौपहिया वाहनों का आवागमन ठप हो गया है। इस स्थान पर नया पुल बनाना होगा। इस संबंध में सरपंच रेखा मलेवार, पूर्व सरपंच दिलीप काठोके, उप सरपंच विष्णु काठोके, माधो मलेवार, लोकेश डाहाके, अन्ना चाफले, कमलाकर हिंगे, रमेश नाटकर ने पुल की तत्काल मरम्मत और नए पुल के निर्माण की मांग की है।