भंडारा।
महाराष्ट्र सरकार ने इस साल एक ई-फसल सर्वेक्षण ऐप लॉन्च किया है।ई-फसल सर्वेक्षण नामक एक संयुक्त परियोजना राजस्व विभाग और कृषि विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही है। 15 अगस्त को “मेरा खेत, मेरा सतबारा, मेरी फसल बोओ” के नारे के आधार पर सरकार द्वारा फसल निरीक्षण शुरू किया गया था। राज्य के कुछ जिलों में फसल निरीक्षण एप पर किसानों ने अच्छी प्रतिक्रिया दी है। कुछ जगहों पर प्रतिक्रिया उतनी अच्छी नहीं रही जितनी होनी चाहिए थी। महाराष्ट्र सरकार के राजस्व प्रशासन ने किसान स्तर पर फसल स्तरीय फसल ऐप के पंजीकरण की समय सीमा 30 सितंबर तक बढ़ाने का फैसला किया है। इसलिए तलाठी स्तर पर फसल निरीक्षण के पंजीयन की समय सीमा बढ़ा दी गई है। जिलों में फसल निगरानी एप के उपयोग के लिए किसानों में जागरूकता पैदा करने की जरूरत है।
ई-फसल निरीक्षण के पंजीकरण के लिए विस्तार-
किसानों को ई-फसल सर्वेक्षण एप के जरिए पंजीकरण के लिए एक माह का समय दिया गया है। फसल सर्वेक्षण एप से पंजीकरण की अंतिम तिथि 15 सितंबर निर्धारित की गई थी। हालांकि, अब सतबारा उत्तरा पर खरीफ फसल के पंजीकरण को ऑनलाइन 15 दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है। किसान 30 सितंबर तक अपने स्तर पर फसल का निरीक्षण कर सकते हैं। इसलिए तलाठी स्तर पर फसल निरीक्षण के पंजीकरण की समय सीमा बढ़ाकर 15 अक्टूबर कर दी गई है। राजस्व अधिकारी बांध पर सीधे किसानों को शिक्षित कर रहे हैं। इसलिए, कॉलेज छात्रों को ई-फसल पंजीकरण में प्रशिक्षित कर रहा है। यदि अगले सात दिनों तक इस ऐप के माध्यम से कोई पंजीकरण नहीं किया जाता है, तो सरकार को प्राकृतिक आपदा योजना से वित्तीय सहायता वापस लेनी होगी। इसलिए किसान फसल निरीक्षण एप के माध्यम से पंजीकरण कराएं, राजस्व प्रशासन की ओर से अपील की जा रही है।
किसानों की ठंडी प्रतिक्रिया-
जिले में कई किसान हैं लेकिन किसानों की ओर से कोई जवाब नहीं आया। कुछ दिन पहले सात हजार पांच सौ किसानों ने ई-फसल के लिए पंजीकरण कराया था। इसलिए राजस्व अधिकारी किसानों से अपील कर रहे हैं कि वे गांवों के बांधों में जाकर खरीफ फसल का पंजीकरण इस ई-फसल निरीक्षण एप की जानकारी देकर करें।