बुधवार को नागपुर जिल्ला पथ विक्रेता संघ , भारतीय किन्नर विकास संस्था , साप्ताहिक बाजार पथ विक्रेता संघ , नागपुर जिल्ला ऑटो मालक चालक महासंघ ने पत्रकार परिषद आयोजित की जिस दौरान उन्होंने मांग की कि विक्रेताओं , किन्नरों , एवं निराधार लोगो को प्रति माह ५००० रुपये का अनुदान दिया जाये।
नागपुर शहर में बढ़ते हुए कोरोना संसर्ग के लिये आम लोग नहीं बल्कि स्थानीय प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार है ! जब जब प्रशासन ने लॉक डाउन जैसे अतार्किक कदम उठाये तब तब कोरोना के रुग्णो की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है । चाहे भूतपूर्व निगम आयुक्त मुंडे हो या फिर वर्तमान में राधाकृष्णन बी हो ! कोरोना के पहले दौर में भी जैसे जैसे लॉक डाउन को शीतिल किया गया वैसे वैसे कोरोना रुग्णो की संख्या में कमी आती गई । ज्ञात रहे की दिनांक 25 जनवरी 2021 को नागपुर शहर में पॉजिटिव केसेस मात्र 128 थे और प्रशासन की कल्पनाहीनता के चलते रुग्णो की संख्या बढ़ने लगी और आम आदमी विरोधी लॉक डाउन के बाद पॉजिटिव केसेस में बेतहाशा वृद्धि होने लगी . लॉक डाउन की आड़ में स्थानीय प्रशासन अपनी विफलताओं को छिपाना चाहता है ! लॉक डाउन आर्थिक चक्र , रोजी रोटी छीनने एवं बेसहारा लोगों को भूके मारने के लिये उठाया गया एक कदम है जिसे अविलम्ब वापिस लिया जाये ऐसी जानकारी नेशनल हॉकर फेडरेशन के राष्ट्रिय उपाध्यक्ष जम्मू आनंद इन्होने दी।
लॉक डाउन को अविलम्ब वापिस लिए जाने की मांग साप्ताहिक बाजार पथ विक्रेता संघ , नागपुर जिल्ला ऑटो चालक मालक महासंघ ( सलंग्न : आयटक ) भारत किन्नर विकास संस्था , नागपुर जिल्ला पथ विक्रेता संघ ( सलंग्न : नेशनल हॉकर फेडरेशन ) ने संयुक्त रूप से की साथ ही उन्होंने राज्य सरकार से मांग कि की शहर में कोरोना के पॉजिटिव केसेस बढ़ाने के लिये जिम्मेदार प्रशासन से जवाब मांगा जाय ! इस सन्दर्भ में किन्नर विकास बहुउदेशीय सामाजिक संस्था की अध्यक्ष रानी ढवले ने दि।
इसका वक़्त उनका कहना था की अगर लॉक डाउन लगाना हो तो फिर उन तमाम लोगो के परिवारों को हर महीने कम से कम राज्य सरकार ने ५ हजार का अनुदान दे जिससे की प्रभवित परिवार दो वक्त का भोजन कर सके ! जिन लोगों के पास जीने के कोई साधन नहीं होते है और हर रोज कमाई कर अपने घरों के चूल्हे जलाते हैं ।