हैदराबाद। तेलंगाना विधानसभा चुनाव में 30 नवंबर को हुए मतदान ने पूरे प्रदेश की किस्मत बदल दी है। तेलंगाना की जनता ने अबकी बार कांग्रेस को चुन लिया है. आंकड़ों के अनुसार, कांग्रेस 56 सीटें जीत चुकी है और 08 पर आगे बनी हुई है. भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) 32 सीटें जीत चुकी है और 07 सीटों पर आगे चल रही है.
भाजपा तीसरे स्थान पर है, जहां इसे अब तक सात सीटों पर जीत मिली है और एक सीट पर आगे है. एआईएमआईएम को अब तक तीन सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है और चार पर बढ़त बनाए हुए है. भाकपा एक सीट पर जीती है.
तेलंगाना के अलग राज्य बनने के बाद से करीब 10 वर्षों से सत्ता में काबिज बीआरएस को फिर से उठ खड़ी हुई कांग्रेस ने कड़ी टक्कर दी है. वहीं, भाजपा के प्रचार ने शुरूआत में तो गति पकड़ी लेकिन फिर फीका पड़ गया.
कांग्रेस की बढ़त को देखते हुए तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी के घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
भारत राष्ट्र समिति की एमएलसी के. कविता ने अपनी पार्टी की जीत का दावा किया है। तेलंगाना में 119 सीटों पर चुनाव हुआ था। यहां किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए 60 सीटों पर जीत की आवश्यकता होती है। तेलंगाना में करीब साढ़े नौ साल से तेलंगाना राष्ट्र समिति की सरकार है। इसका नाम अब बदलकर भारत राष्ट्र समिति कर दिया गया है।
एग्जिट पोल ने भी दी थी कांग्रेस को भी बढ़त
तेलंगाना में इस बार खेल होता हुआ नजर आ रहा है। यहां भारत राष्ट्र समिति की सरकार जाती हुई दिख रही है। कांग्रेस ने यहां बड़ा उलटफेर किया है। 119 सीटों वाली इस विधानसभा में कांग्रेस बहुमत के सबसे करीब दिखाई दे रही है। टीवी-9 तेलुगु के अनुसार तेलंगाना में इफर को 48-58 सीट, कांग्रेस को 49-59 सीट, भाजपा को 5-10 सीट और अन्य को 6-18 सीटें और न्यूज-जन की बात ने इफर को 40-55 सीटें, कांग्रेस को 48-64 सीटें और भाजपा को 7-13 सीटें मिल सकती हैं।