मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा मुझ पर लगाए गए आरोप झूठे हैं खुद को बचाने और मुझे और महाविकास अघाड़ी सरकार को बदनाम करने के उद्देश्य से उन्होंने यह षड़यंत्र रचा ऐसी जानकारी गृह मंत्री अनिल देशमुख ने दी।
उन्होंने इस वक़्त कई सवाल खड़े किये की सचिन वाझे को गिरफ्तार किए जाने के इतने दिनों बाद तक परमबीर सिंह चुप क्यों बैठे थे? उन्होंने उसी समय सारी सच्चाई क्यों नई बताई। जब उन्होंने ये महसूस किया की 17 मार्च को उन्हें पुलिस आयुक्त पद से हटाया जायेगा तब १६ मार्च को उन्होंने एसीपी पाटिल इन्हे व्हाट्सप्प चैट से कुछ सवाल पूछे और उन्हें अपेक्षित जवाब मिले। यह परमबीर सिंह की एक बड़ी साजिश का हिस्सा था. इस चैट के माध्यम से परमबीर सिंह को सबूत इकट्ठा करने थे। उन्होंने कहा की परमबीर सिंह के आरोप पूरी तरह से झूठे हैं। उन्हें अपने आरोपों को साबित करना चाहिए। मैं उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर रहा हूं। परमबीर सिंह ने खुद को बचाने के लिए ये झूठे आरोप लगाए हैं। अगर परमबीर सिंह कहते हैं कि सचिन वज़े ने फरवरी में परमबीर सिंह से मुलाकात की और उन्हें यह सब बताया, तो उन्होंने उसी समय उन्हें क्यों नहीं बताया। इतने दिन चुप क्यों रहे? इस वक़्त उन्होंने मुख्यमंत्री से निष्पक्ष जाँच करने की बात कही।