ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा हरियाणवी बोली को प्रमोट करेंगे। हरियाणवी बोली को कैसे मान सम्मान दिलवाए जाए, कैसे युवा अपनी बोली पर गर्व महसूस करे, इन सब मुद्दों को लेकर नीरज अपने गांव खंडरा (पानीपत) में 26 नवंबर को संस्कृति स्कूल में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहे हैं.
नीरज ने कहा कि वे गांव में पैदा हुए हैं। गांव में पले बढ़े हैं, इसलिए बोलियों की क्रांति की इस प्रेस वार्ता को भी वे अपने गांव में ही करना चाहते हैं.
नीरज ने कहा कि घर और गांव में हम अपनी बोली में बात करते हैं। अपने सुख-दुख एवं अन्य भावनाएं हम अपनी बोली में प्रदर्शित करते हैं, लेकिन शहर में हम इसे बोलने में हिचकिचाते हैं। नीरज ने कहा की भले ही बोलियों का कोई व्याकरण नहीं है, लेकिन किस्से, कहानियां, लोक कथाएं सब बोलियों का अभिन्न अंग हैं.
जितना साहित्य बोलियों में मिलता है, उतना अन्य किसी भाषा में नहीं मिलता। इस पत्रकार वार्ता में नीरज बताएंगे कि किस प्रकार से हम हमारी क्षेत्रीय बोलियों को मान सम्मान दिलवा सकते हैं और उनकी भविष्य में इस अभियान को लेकर क्या योजनाएं हैं.