नई दिल्ली। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार 10 नवंबर को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर साल जब हम दखल देते हैं, तभी एक्शन क्यों लिया जाता है। दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि हम नतीजे देखना चाहते हैं।
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने सरकार से पूछा कि पिछले 6 साल से आप क्या कर रहे थे। शायद भगवान ने दिल्ली के लोगों की प्रार्थनाएं सुन लीं। इसलिए गुरुवार 9 नवंबर रात में बारिश हो गई।
शुक्रवार 10 नवंबर को ही दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, 13-20 नवंबर को लागू होने वाली आॅड-ईवन स्कीम अब नहीं होगी। बारिश के चलते दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में राय ने ये भी कहा कि दीपावली के बाद सरकार एयर क्वालिटी का रीव्यू किया जाएगा। अगर एयर क्वालिटी में गिरावट आती है तो आॅड-ईवन स्कीम शुरू की जा सकती है।
दिल्ली में बारिश से 8 दिन बाद एक्यूआई 400 के नीचे
दिल्ली में गुरुवार रात से शुक्रवार सुबह के बीच हल्की बारिश हुई। बारिश से दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) आठ दिनों बाद 400 के नीचे रिकॉर्ड किया गया। इससे पहले 2 नवंबर को दिल्ली में एक्यूआई 346 था।
दिल्ली सरकार बोली- आॅड-ईवन से ईंधन की खपत में 15% की कमी आई
केजरीवाल सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दाखिल किया है। इसमें आॅड-ईवन के फायदे बताए। सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर को सुनवाई के दौरान आॅड-ईवन को दिखावा बताया था।
दिल्ली सरकार ने एफिडेविट में दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मॉडल ट्रांजिट सिस्टम की एक स्टडी का हवाला दिया है। इसमें बताया गया है कि आॅड-ईवन लागू होने के दौरान सड़कों पर प्राइवेट कारों की संख्या में 30% की कमी आई। ईंधन खपत में 15% की गिरावट दर्ज की गई। साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल बढ़ा।
दिल्ली सरकार ने 6 नवंबर को कहा था कि दीपावली के अगले दिन यानी 13 नवंबर से 20 नवंबर तक आॅड-ईवन लागू किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर को कहा था कि प्रदूषण रोकने के लिए दिल्ली सरकार को कोई ठोस उपाय सोचना चाहिए। आॅड-ईवन से प्रदूषण कम नहीं होता।