मुंबई. न्यायपालिका और भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) धनंजय वाई चंद्रचूड़ के खिलाफ बयान देने के मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की अनुमति मांगने के लिए एक पत्रकार ने अटॉर्नी जनरल (एजी) आर वेंकटरमणी से संपर्क किया है। 30 अक्तूबर को एजी को संबोधित अपने पत्र में पत्रकार दीपक उपाध्याय ने 24 अक्तूबर को दशहरा समारोह के अवसर पर शिवसेना उद्धव गुट के सदस्यों को संबोधित ठाकरे के भाषण का जिक्र किया है।
सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई की अवमानना के खिलाफ कार्यवाही शुरू करने के लिए अटॉर्नी जनरल की सहमति प्राप्त करना आवश्यक है। इस कड़ी में पत्रकार ने अटॉर्नी जनरल को पत्र लिखा। पत्र में कहा गया है, ‘ठाकरे ने निंदनीय, अवांछित और अपमानजनक टिप्पणियां की हैं, जिसका उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट की गरिमा/महिमा को कम करना और सीजेआई के ऑफिस को बदनाम करना है।’
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ-साथ अन्य बागी शिवसेना विधायकों की अयोग्यता से संबंधित मामला उद्धव ठाकरे गुट द्वारा दायर किया गया है, जो सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष विचाराधीन है। पत्रकार की याचिका में कहा गया है, ‘उनकी (उद्धव ठाकरे की) टिप्पणियां व्यक्तिगत रूप से सीजेआई को निशाना बना रही हैं।’
कोर्ट की प्रतिष्ठा कम करने के लिए प्रेरक
पत्र में कहा गया है कि वार्षिक दशहरा रैली में दिया गया भाषण शिवसेना के कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण घटना है, जहां भाषण पार्टी के लिए एजेंडा तय करता है। पत्र में कहा गया है, ‘ठाकरे द्वारा दिए गए बयान अदालत के खिलाफ शत्रुतापूर्ण व्यक्तिगत हमले हैं। जो चल रही कार्यवाही के नतीजों को प्रभावित करेंगे और लोगों की नजर में न्यायाधीशों और अदालतों की प्रतिष्ठा को कम करने प्रेरित करेंगे ।’