नई दिल्ली. तालिबान प्रशासन ने रविवार को कहा कि अफगानिस्तान में आए भूकंप के कारण 2,400 से अधिक लोग मारे गए, जो पिछले कुछ वर्षों में भूकंप के प्रति संवेदनशील इस पहाड़ी देश में आए सबसे घातक झटके हैं.
भूकंप के झटके शनिवार बह आए और ज्यादातर देश के पश्चिमी क्षेत्र में केंद्रित थे, जिनमें से अधिकांश पड़ोसी ईरान में महसूस किए गए. यह भूकंप अफगानिस्तान में पिछले कुछ दशकों में आए सबसे भीषण भूकंपों में से एक है.
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने कहा कि भूकंप – जिनमें से एक की तीव्रता 6.3 मापी गई – हेरात शहर से लगभग 35 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में आया, जिससे शहर में दहशत फैल गई.
आपदा मंत्रालय के प्रवक्ता जनन सईक ने ने बताया कि मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,445 हो गई है, लेकिन उन्होंने घायलों की संख्या को संशोधित कर ‘2,000 से अधिक’ कर दिया है. इससे पहले उन्होंने कहा था कि 9,240 लोग घायल हुए हैं.
सईक ने यह भी कहा कि 1,320 घर क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गए हैं. उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 10 बचाव दल ईरान की सीमा से लगे इलाके में तैनात हैं.
हेरात स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी डॉ. दानिश ने कहा कि 200 से अधिक मृतकों को विभिन्न अस्पतालों में लाया गया था. इनमें से अधिकांश महिलाएं और बच्चे थे.
सोशल मीडिया पर मौजूद तस्वीरों से पता चलता है कि हेरात की मध्यकालीन मीनारों को कुछ क्षति हुई है, जिनमें दरारें दिखाई दे रही हैं और टाइलें गिर गई है.