मुंबई. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को सनसनीखेज दावा कर सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है। फडणवीस ने कहा कि 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद जब उद्धव ठाकरे की शिवसेना से बीजेपी का गठबंधन टूटा तो एनसीपी प्रमुख शरद पवार बीजेपी के साथ सरकार बनाना चाहते थे। उन्होंने खुद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने का सुझाव दिया था।
पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि एनसीपी बीजेपी के साथ हाथ मिलाने के लिए तैयार थी। इसके लिए योजना भी बनायीं जा चुकी थी। इसी के हिस्से के रूप में पवार ने उस समय राज्य में राष्ट्रपति शासन का सुझाव दिया था।
2019 में विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। हालांकि, बीजेपी और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद हो गया और दशकों पुराना भगवा दलों का गठबंधन टूट गया।
देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि शरद पवार ने उस ‘कड़वे’ अलगाव के बाद बीजेपी से संपर्क किया और महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए एनसीपी और बीजेपी के बीच गठबंधन का सुझाव दिया।
फडणवीस के अनुसार, पवार ने ही सुझाव दिया कि राज्य में कुछ समय के लिए राष्ट्रपति शासन लगाया जाए ताकि एनसीपी कैडर को बीजेपी के साथ हाथ मिलाने के बारे में सूचित किया जा सके। फडणवीस ने दावा किया कि एनसीपी प्रमुख बाद में अपने रुख से पलट गए।
उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने का आइडिया शरद पवार का था। उन्होंने कहा था कि वह इतनी जल्दी यू-टर्न नहीं ले सकते। इसलिए उन्हें थोड़े समय की जरुरत है और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने का सुझाव दिया… फिर महाराष्ट्र में स्थिर सरकार के गठन के बारे में चर्चा करने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि एक बार सरकार बनाने के लिए आवश्यक संख्या बल होने पर राष्ट्रपति शासन अपने आप हट जाएगा।’
उन्होंने आगे कहा कि जब राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है तो हर पार्टी को एक पत्र दिया जाता है जिसमें पूछा जाता है कि क्या वे सरकार बनाना चाहते हैं। फडणवीस ने कहा, ‘जब एनसीपी को ऐसा पत्र मिला, तो मैंने ही इसका जवाब लिखा था। वह मेरे घर पर ही टाइप किया गया, जिसमें शरद पवार ने भी कुछ सुधार किए थे। जिसमें एनसीपी ने भी कहा था वह सरकार नहीं बनाना चाहती है.. तभी राष्ट्रपति शासन लगाया गया।’
नवंबर 2019 में सुबह-सुबह देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। फडणवीस ने तब शरद पवार के भतीजे अजित पवार के साथ गठबंधन कर सभी को चौंका दिया था। उस समय पर्दे के पीछे वास्तव में क्या चल रहा था? इस पर सवाल पूछे जाने पर फडणवीस ने आज बड़ा खुलासा किया।
हालांकि, तब फडणवीस और अजित पवार की गठबंधन सरकार केवल तीन दिनों में गिर गई थी। लंबे समय से अटकलें लगाई जा रही थीं कि शरद पवार को अजित दादा के बीजेपी के साथ गठबंधन के बारे में पता था।
23 नवंबर 2019 का राज्य से राष्ट्रपति शासन हटाया गया
मालूम हो कि फडणवीस-पवार की सरकार के गठन से पहले राज्य में लगा राष्ट्रपति शासन भी हट गया था। एक आदेश जारी कर देवेंद्र फडणवीस के दोबारा सीएम पद की शपथ लेने से दो घंटे पहले 23 नवंबर 2019 की सुबह 5:47 बजे राज्य से राष्ट्रपति शासन हटाया गया।