मुंबई। महाराष्ट्र में शिवसेना के शिंदे गुट और उद्धव गुट की ओर से एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य घोषित करने की 34 याचिकाओं पर 25 सितंबर को सुनवाई हुई। विधानसभा के सेंट्रल हॉल में स्पीकर राहुल नार्वेकर ने दोनों गुटों की दलीलें सुनीं। अब स्पीकर 13 अक्तूबर से मामले की सुनवाई करेंगे। अध्यक्ष का कहना है कि सुनवाई के दौरान कोई जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए। प्रिंसिपल आॅफ नेचर जस्टिस का पालन होना चाहिए।उद्धव ठाकरे गुट ने दलील दी कि सभी याचिकाओं को साथ क्लब करके सुनवाई की जाए। उन्होंने कहा कि सुनवाई के दौरान कोई सबूत पेश करने की जरूरत नहीं है। उधर, शिंदे गुट ने सभी याचिकाओं को क्लब करने की मांग का विरोध किया। शिंदे गुट का कहना है कि हर याचिका पर अलग से सुनवाई की जानी चाहिए, हमारे विधायक अपना पक्ष रखना चाहतें है। पिछली सुनवाई 10 दिन पहले हुई थी स्पीकर ने मामले में पिछली सुनवाई दस दिन पहले यानी 14 सितंबर को की थी। सुनवाई सुबह 10:30 बजे शुरू हुई जो दोपहर 2 बजे तक चली। इसके बाद स्पीकर ने अगली तारीख बताए बिना मामले की सुनवाई टाल दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला स्पीकर पर छोड़ दिया था एकनाथ शिंदे गुट के 16 बागी विधायकों की अयोग्यता पर सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को फैसला सुनाया था। इसमें कोर्ट ने बागी विधायकों की सदस्यता पर फैसला स्पीकर पर छोड़ दिया था। वहीं, उद्धव ठाकरे गुट के नेता सुनील प्रभु ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मामले पर फिर से विचार करने की अपील की थी। उन्होंने याचिका में तर्क दिया था- विधानसभा अध्यक्ष मामले को जानबूझकर टाल रहे हैं।