महाराष्ट्र की राजनीति में चल रही चर्चाओं और घटनाक्रमों को देखते हुए कई तरह की भविष्यवानियां की जा रही है। एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार के बीजेपी में शामिल होने की खबरों से राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई। हालांकि पार्टी प्रमुख शरद पवार के खिलाफ विद्रोह करने के दावों पर खुद अजित पवार ने अब स्पष्टीकरण दिया हैं।
एनसीपी छोड़ने की ख़बरों पर महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने कहा, मेरे बारे में फैली अफवाहों में कोई सच्चाई नहीं है। मैं एनसीपी के साथ हूं और पार्टी के साथ रहूंगा। मैंने किसी विधायक के हस्ताक्षर नहीं लिए हैं। अब सभी अफवाहें बंद होनी चाहिए।
इससे पहले एनसीपी नेता अजित पवार के कथित रूप से बगावत करने की अटकलों के बीच पार्टी नेता अनिल पाटिल ने उनसे मुंबई में मुलाकात की। पाटिल ने मीडिया रिपोर्टों का खंडन करते हुए कहा, आज मैंने उस न्यूज के बारे में चर्चा की, जो 2-3 दिन से चल रही थी। जो खबर में चल रहा है वैसा कहीं पर चर्चा नहीं हुआ है। तो इसे रोकना चाहिए क्योंकि आज तक कोई चर्चा दादा और किसी और की नहीं हुई है। हम अजित दादा के साथ हैं और आगे भी रहने वाले हैं और अजित पवार एनसीपी के साथ हैं।
वहीं शरद पवार ने मुंबई में राकांपा विधायकों की बैठक बुलाए जाने की खबरों को भी खारिज किया। उन्होंने कहा कि किसी ने भी ऐसी कोई बैठक नहीं बुलाई है। उन्होंने कहा, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल अपने क्षेत्र में स्थानीय चुनाव में व्यस्त हैं और पार्टी नेता अजित पवार भी पार्टी के काम में व्यस्त हैं।
क्यों फैली बगावत की खबर!
शरद पवार की पार्टी एमवीए की घटक है, जिसमें शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और कांग्रेस भी शामिल हैं। दरअसल अजित पवार के अगले राजनीतिक कदम के बारे में अटकलें पिछले हफ्ते तब शुरू हुईं जब उन्होंने अचानक अपनी निर्धारित बैठकें रद्द कर दीं। तब उन्होंने कई ऐसी टिप्पणियां कीं जो बीजेपी और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे के प्रति नरम रुख दिखाती है।