रविवार, 9 अप्रैल को राज नगर स्थित डॉ.सुनील राव ने अपने घर का कुआ साफ कराने के लिए चार आदिवासी गोंड बस्ती के रहने वाले मजदूरों को काम करने के लिए बुलाया था. तीन घंटे कुएं की सफाई करने के बाद अचानक किसी ने मोटर चालू कर दी. इसमे कुएं में मौजूद अमन मरकाम की मौके पर ही मौत हो गई. अमन को बचाने के लिए उतरे शंकर को बिजली का झटका लगा. जिसमे शंकर की जान भी चली गई.
घटना स्थल पर मौजूद कोयल नेताम और किशोर यूके ने जन बदलाव के नेता यश गौरखेडे को इसकी जानकारी दी. पुलिस की मदद से दोनों मृतकों को बाहर निकाला गया.
इस घटना के बाद परिजनों ने दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग की और लाशों के साथ मेयो अस्पताल में आंदोलन किया.
सैकड़ों आदिवासी समाज के लोगों को इक्ट्ठा देख पुलिस प्रशासन ने शांति बनाए रखने की मांग की और आंदोलन का नेतृत्व कर रहे यश गौरखेड़े ने जनता की मांग सरकार के सामने रखी.
पुलिस के आला अधिकारियों ने तत्काल कार्रवाई करने का विश्वास दिलवाया और भीड़ को शांत किया.
इस मामले में सदर पुलिस स्टेशन में 10 अप्रैल को एफआई आर दर्ज कर डॉ. सुनील राव के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. मामले में अभी तक कोई भी गिरफ्तारी नहीं हुई है. इस मामले में
मंगलवार को यश गौरखेड़े के नेतृत्व में मृतक के परिजनों ने नागपुर जिलाधिकारी से मुलाकात की.
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मृतकों को मिलेगा मुआवजा!
घटना की गंभीरता देखते हुए जिलाधिकारी विपिन इटनकर ने नागपुर पुलिस को दोषियों को त्वरित गिरफ्तार करने के निर्देश दिए तथा दोनों मृतकों के परिजनों को तत्काल 4 लाख रूपए का मुआवजा देने का आदेश दिया. जिलाधिकारी के निर्देश का पालन नहीं किये जाने पर महाराष्ट्र भर में आंदोलन करने की चेतावनी यश गौरखेड़े ने दी.