नागपुर। पटना तथा बनारस की ओर जाने वाली ट्रेनों में क्षमता से दोगुने यात्री सफर कर रहे हैं. इस बात की पुष्टि अब सेंट्रल रेलवे प्रशासन की तरफ से दिए गए आंकड़ों में हो गई है. चूंकि बनारस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है, इसलिए भीड़ के आंकड़ों के उजागर होने से रेल मंत्रालय पर नई ट्रेन चलाने के लिए दबाव बढ़ जाएगा. दरअसल जेड.आर.यू.सी.सी. के एक सदस्य को भेजे पत्र में रेलवे प्रशासन की तरफ से बताया गया है कि 4 जोड़ी गाड़ियां बनारस के लिए वाया नागपुर चलाई जा रही है. इन ट्रेनों में 1 अक्टूबर 21 से 31 मार्च 22 तक यूटिलाइजेशन प्रतिशत का आंकड़ा उपलब्ध कराया गया है, जिसके अनुसार सिकंदराबाद-दानापुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस में क्रमश: 162 प्रतिअत एवं 178 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी है. इसी प्रकार रामेश्वरम-बनारस सुपरफास्ट एक्सप्रेस में क्रमश: 158 प्रतिशत एवं 138 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी है। इसी तरह एर्नाकुलम-पटना एक्सप्रेस में क्रमश: 165 प्रतिशत एवं 189 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी है। गंगा कावेरी एक्सप्रेस में क्रमश: 154 प्रतिशत एवं 141 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी है. इन आंकड़ों के आधार पर रेलवे के संबंधित जोनल कार्यालय ने यह स्वीकार कर लिया है कि पटना और बनारस रूट पर भीड़ को देखते हुए एक नई ट्रेन चलाने की सख्त जरूरत है.