नागपुर। कपास खरीदी को लेकर हमेशा ही किसानों के बीच संभ्रम की स्थिति बनी रहती है. यहां तक कि कई खरीदी केंद्रों में समय पर खरीदी नहीं होने के कारण एक ओर जहां समय पर भुगतान नहीं होता, वहीं दूसरी ओर त्योहारों में कपास उत्पादक किसानों की झोली खाली रहती है. तमाम समस्याओं को देखते हुए दीपावली के पूर्व कपास खरीदी सुनिश्चित कर खरीदी के बाद 7 दिनों के भीतर भुगतान करने के आदेश देने का अनुरोध करते हुए श्री राम सातपुते ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की. याचिका का भले ही गत समय निपटारा किया गया हो लेकिन याचिका के मूल उद्देश्य पर संज्ञान नहीं लिए जाने का हवाला देते हुए अर्जी दायर की गई. जिस पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश सुनील शुक्रे और न्यायाधीश जी.ए. सानप ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के आदेश दिए. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. एस.आर. बदाना और सरकार की ओर से मुख्य सरकारी वकील केतकी जोशी ने पैरवी की.याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधि. बदाना ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की ओर से देरी से कपास खरीदी केंद्र खोले जाने के कारण इसका लाभ न केवल निजी खरीदारों को हुआ, बल्कि पैसों की आवश्यकता होने के कारण किसानों को सस्ती दामों पर अपना कपास बेचना पड़ा है.