रामटेक शहर का अंबाला श्मशान घाट पिछले कुछ सालों से वीरान पड़ा था। रामटेक सृष्टीसौंदर्य परिवार की पहल से इस विरान, उजडे क्षेत्र का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। पेड़ों पर उनकी रक्षा के लिये प्लास्टिक की जालीयां लगायी गई, पानी और वर्मी कम्पोस्ट पेडों को दिया गया। पिछले साल सृष्टि सौंदर्य परिवार के सदस्यों ने इस क्षेत्र में पिंपल, कवठ, जामुन, बड, आंवला और आम जैसे 200 विभिन्न प्रजातियों के पेड़ लगाए थे। गर्मियों में समय-समय पर खूब पानी डालकर पौधों का ध्यान रखा जाता था।सृष्टिसौंदर्य परिवार में रामटेक शहर के व्यवसायी और युवा शामिल हैं। इस परिवार के सदस्यों ने अंबाला घाट पर सभा हॉल की मरम्मत की और इसे अंदर से बाहर तक खूबसूरती से रंग दिया। श्मशान घाट पर आने वाले लोग इसी हॉल में बैठकर विश्राम करते हैं।
ये सारे काम उन्होंने अपने खर्चे पर और मेहनत से किए हैं।इस काम में उन्हें घर के बच्चों से भी काफी मदद मिली। सृष्टिसौंदर्य परिवार के सदस्यों ने बताया कि वे इस स्थान पर सप्ताह में दो घंटे श्रमदान करते हैं। हॉल में नागपुर के महेश आर्ट से आकर्षक तस्वीरें बनवाई गईं। इस कार्य में पुर्व पार्षद सुमित कोठारी, ऋषिकेश किंमतकर, वेद प्रकाश मोकदम, हेमंत रेवस्कर, डॉ. बापू सेलोकर, नामदेव राठौड़, राजेश बागड़े, डॉ. राजेंद्र बरबटे, विनोद शेंडे, भूषण देशमुख, दीपक गिरधर सहित अन्य सदस्यों और युवा-युवतीयों ने भी बहुत योगदान दिया है। उनके काम ने श्मशानघाट का रूप बदल दिया है।सृष्टि सौंदर्य परिवार की डॉ. अंशुजा किंमतकर, डॉ. मंजूषा सेलोकर, माधुरी शेल्के, मीशा बक्दे सहित अन्य महिलाओं ने पिछले साल अंबाला श्मशान घाट में लगाए गए वट वृक्ष की वटपुर्णिमा पर पूजा की. उन्होंने श्मशान घाट में सफाई अभियान भी चलाया। उल्लेखनीय है कि इन परिवारों ने पिछले साल यहां बरगद, पिपल, कवठ, जामुन और अन्य प्रजातियों के पेड़ लगाए थे।