नई दिल्ली. भारत ने गुरुवार को ब्रह्मोस एयर लॉन्च मिसाइल के एक्सटेंडेड रेंज वर्जन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. सुखोई लड़ाकू विमान से इस मिसाइल का परीक्षण किया गया. भारतीय वायुसेना ने इसकी जानकारी दी. वायुसेना के मुताबिक, मिसाइल ने बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में लक्ष्य पर सीधा प्रहार किया. आईएएफ के मुताबिक, एसयू-30 एमकेआई विमान से ब्रह्मोस मिसाइल के एक्सटेंडेड रेंज वर्जन का यह पहला प्रक्षेपण था. इसके साथ ही वायुसेना ने इस विमान से लंबी दूरी पर (जमीन/ समुद्र) निशाना साधने की क्षमता हासिल कर ली है. पिछले महीने भारत ने सुखोई फाइटर जेट से ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. ये परीक्षण पूर्वी समुद्री तट पर किया गया था. वायुसेना ने जानकारी देते हुए बताया था कि मिसाइल अपने लक्ष्य को भेदने में सफल रही है. ब्रह्मोस मिसाइल का टारगेट भारतीय नौसेना का एक खराब जहाज था, जिसपर उसने सीधा प्रहार किया था. गौरतलब है कि भारत सरकार ने 2016 में ब्रह्मोस के हवा से मार करने में सक्षम संस्करण को 40 से अधिक सुखोई लड़ाकू विमानों में जोड़ने का निर्णय किया था. इस परियोजना की कल्पना समुद्र या जमीन पर किसी भी लक्ष्य पर बड़े स्टैंड-ऑफ रेंज से हमला करने की भारतीय वायुसेना की क्षमता को बढ़ाने के लिए की गई थी. सबसे खतरनाक मिसाइल है ब्रह्मोस बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल की गिनती 21वीं सदी की सबसे खतरनाक मिसाइलों में की जाती है. ये मिसाइल 4300 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दुश्मन के ठिकाने को तबाह कर सकती है. साल 2016 में सरकार ने ब्रह्मोस के एयर-लॉन्च किए गए वर्जन को 40 से ज्यादा सुखोई फाइटर जेट्स में इंटीग्रेट करने का फैसला लिया था. ब्रह्मोस दुनिया की इकलौती ऐसी मिसाइल है, जिसे सतह, हवा और पानी तीनों ही जगहों से लॉन्च किया जा सकता है.