नागपुर।(नामेस)। जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में पौनी वन परिक्षेत्र से लाए गए एक घायल बाघ की रविवार को गोरेवाड़ा बचाव केंद्र में उपचार के दौरान मौत हो गई। सूत्रों के अनुसार बाघ कई अंगों में फ्रैक्चर और फेफड़ों की तकलीफ से जूझ रहा था। वन विभाग की रेस्क्यू टीम घायल बाघ को एफडीसीएम जंगल के कंपार्टमेंट नंबर 420 से इलाज के लिए रेस्क्यू सेंटर लेकर आई थी। एमएएफएसयू के निदेशक डॉ. एन. वी. कुरकुरे, डॉ. सुजीत कोलंगट, डॉ. मयूर पावसे और डॉ. शिरीष उपाध्याय ने पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की। इसके पश्चात बाघ को जला दिया गया। हेमंत कामडी, सहायक महानिरीक्षक, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, कुंदन हाटे, पीसीसीएफ के प्रतिनिधि, प्रमोद पंचभाई, मंडल प्रबंधक, गोरेवाड़ा चिड़ियाघर परियोजना और अन्य वन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।