नागपुर।(नामेस)। एफआईसी में नौकरी लगाने का झांसा देकर एक 10 लाख की ठगी किए जाने का मामला सामने आया है. गिट्टीखदान पुलिस ने आशिष राजनकर तथा दिल्ली के शर्मा नामक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया. मनोज राउत कैटरिंग का काम करता है. उसकी एक मित्र के माध्यम से आशिष राजनकर से पहचान हुई थी. आशिष ने मनोज को बताया कि उसकी दिल्ली के शर्मा नामक अधिकारी से पहचान है. शर्मा की काफी पहुंच है. मनोज की एक मुंहबोली बहन है. वह सरकारी नौकरी के लिए प्रयास कर रही है. आशिष ने मनोज की कथित शर्मा से पहचान कराई. मनोज को उसके मुंहबोली बहन के एफसीआई में मैनेजर के पद पर नौकरी दिलाने का झांसा दिया गया. आशिष और शर्मा ने मनोज, उसकी मुंहबोली बहन तथा भाई को दिल्ली बुलाया. वहां एक सरकारी अस्पताल में मुंहबोली बहन की का मेडिकल टेस्ट किया गया. उसका साक्षात्कार भी लिया गया. 2018 से नौकरी लगाने के नाम से आशीष और शर्मा पैसों की उगाही कर रहे थे. उन्होंने तीन-चार मर्तबा सभी को दिल्ली बुलाया. नौकरी नहीं लगने से चिंतित मनोज मुंहबोली बहन तथा भाई के साथ कुछ समय पहले भी दिल्ली गया. इसके बाद मनोज ने गिट्टीखदान थाने में शिकायत दर्ज कराई. इसकी भनक लगते ही आशिष फरार हो गया. उसकी पत्नी पुणे में रहती है. आशिष के खिलाफ पहले भी धोखाधड़ी के मामले दर्ज है. गिट्टीखदान पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच आरंभ की है.
मेडिकल ऑफिसर को 7.43 लाख का चूना
बजाज नगर पुलिस थाना अंतर्गत रहने वाले एक व्यक्ति के साथ साइबर अपराधियों ने केवाईसी अपडेट करवाने के नाम पर करीब 7,43,849 रुपए का चूना लगा दिया. संजीव धवल (46) डागा अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर के रूप में कार्यरत है. मंगलवार उन्हें को एक फोन आया. जिसमें आरोपी ने अपना नाम अरविंद चव्हाण बताया और केवाईसी अपडेट करवाने की बात कर फरियादी के एटीएम का नंबर, पिन नंबर हासिल कर चालाकी से फोन पर आए ओटीपी नंबर को भी हासिल कर लिया.