चंडीगढ़. दिल्ली आंदोलन से लौटे संघर्षशील किसानों का शनिवार को पंजाब की धरती पर कदम रखते ही जोरदार स्वागत किया गया. दिल्ली से शंभू बॉर्डर पहुंचने पर एक विमान ने किसानों पर फूलों की बौछार की. विमान की व्यवस्था एक अनिवासी भारतीय ने की थी. वहीं हरियाणा से सटे पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर जिले के दर्जनों गांवों के लोग, बच्चे और महिलाएं सुबह से ही डटे थे और दोपहर बाद दिल्ली आंदोलन से लौटे किसानों व महिलाओं का जोरदार स्वागत किया गया. इस दौरान भाकियू के प्रतिनिधियों को फूल मालाएं पहनाई गई और किसान आंदोलन के हक में जोरदार नारेबाजी करके एकता का परिचय दिया गया. चारों तरफ भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां समेत अन्य किसान संगठनों के झंडे लहरा रहे थे. बुजुर्ग महिलाओं को जोश देखते ही बनता था. भाकियू एकता उगराहां के प्रदेशाध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि खेती कानूनों का रद्द होना और कई अन्य किसानी मांगों को मानना किसानों के धैर्य, एकता व जज्बे की जीत है. किसानों ने अपने वजूद को बचाने के लिए संघर्ष किया है. लेकिन किसानों का संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है. 15 दिसंबर के बाद अगली रणनीति तय होगी, इस मौके पर जसवंत सिंह तोलावाल, सुखपाल सिंह माणक, दरबारा सिंह छाजला समेत सभी संघर्षशील किसानों का स्वागत किया गया.
घर वापसी के दौरान 2 किसानों की मौत
दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर से आंदोलन खत्म कर घर लौट रहे पंजाब के किसानों के साथ हरियाणा के हिसार में हादसा हो गया. एनएच-9 पर शनिवार को सुबह करीब 7 बजे किसानों की ट्रॉली को ट्रक ने टक्कर मार दी. गांव ढंडूर के पास हुए इस हादसे में पंजाब के मुक्तसर साहिब निवासी किसान सुखविंदर की मौके पर ही मौत हो गई. हादसे में घायल 8 किसानों में से एक अजयप्रीत ने अस्पताल में दम तोड़ दिया.