नागपुर।(नामेस)। नागपुर में विधान परिषद चुनाव के लिए महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा डॉ.रवींद्र उर्फ छोटू भोयर के बजाय निर्दलीय उम्मीदवार मंगेश सुधाकर देशमुख को समर्थन देने की घोषणा के साथ चुनावी माहौल और अधिक गरमा गया है. कांग्रेस के आधिकारिक उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल करने से कुछ दिन पहले ही कांग्रेस में शामिल हुए डॉ. भोयर को कांग्रेस हाईकमान ने बीच मझधार में ही छोड़ दिया. पूर्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यकर्ता और भाजपा के पूर्व पदाधिकारी डॉ.भोयर भाजपा में उनके साथ अन्याय होने का आरोप लगाकर कुछ दिन पहले ही कांग्रेस में शामिल हो गए थे. मतदान की पूर्व संध्या पर इस घटनाक्रम से भाजपा उम्मीदवार चंद्रशेखर बावनकुले की राह सभी बाधाओं से मुक्त होती दिखाई दे रही है. तीन बार के विधायक और पूर्व ऊर्जा मंत्री रह चुके बावनकुले को 2019 के चुनावों में पार्टी के टिकट से वंचित कर दिया गया था. महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा उपाध्यक्ष मोहन जोशी के हस्ताक्षर से जारी किए गए एक पत्र में कहा गया है कि डॉ.भोयर ने चुनाव लड़ने में असमर्थता व्यक्त की है, जिस वजह से यह कदम उठाया गया है. कांग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा डॉ.भोयर को दरकिनार करने की योजना की चर्चा पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक गलियारों में चल रही थी. हालांकि एमपीसीसी की चिट्ठी ज्यादा कुछ नहीं बोलती है, लेकिन जो लोग राजनीति के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, वे इस अंडरकरंट को बेहतर समझ सकते हैं.
बावनकुले का रास्ता साफ़
भाजपा ने अपने मतदाताओं को पिकनिक पर ले जाकर अलग-थलग कर दिया था. उनके वहां पहुंचने पर आलीशान रिसॉर्ट में रखा गया. अंतिम समय में किसी भी तरह की समस्या से बचने के लिए उनका आरटीपीसीआर परीक्षण भी कराया गया. शुक्रवार उन्हें मतदान केंद्रों पर प्रस्तुत किया जाएगा. हालांकि कांग्रेस ने देशमुख को समर्थन देने की घोषणा कर दी है, लेकिन डॉ.भोयर के चुनाव से बाहर होने के साथ ही परिणाम की अटकलों का अंत हो गया है.