नागपुर। (नामेस)।
भारी मात्रा में गैस रिसाव के चलते शनिवार की सुबह चितारओली परिसर में स्थित एक मकान में भयानक विस्फोट हुआ. विस्फोट की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि घर की दीवार टूट गई. दरवाजे-खिड़की उड़ गए. इस हादसे में 1 बच्चे सहित 4 लोग जख्मी हो गए. उनका उपचार जारी है.
इस घटना को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही थी. दमकल विभाग के सीएफओ राजेंद्र उचके ने मौके पर पहुंचकर घटना का जायजा लिया और पता चला कि विस्फोट सिलेंडर में नहीं, बल्कि गैस से हुआ था. जख्मियों में गजानन राम बिंड (60), उर्मिला गजानन बिंड (55), आरती वामन बिंड (29) और संकेत रविंद्र वानखेड़े (5) का समावेश है. संकेत को मामूली चोट लगी है, लेकिन अन्य 3 की हालत चिंताजनक बताई जा रही है. निजी अस्पताल में उनका उपचार चल रहा है. कोतवाली पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा किया.
2 दिन पहले ही लगाया था गीजर से सिलेंडर
चितारओली परिसर में बिंड परिवार का 2 मंजिला मकान है. तल मंजले के बाथरूम में उन्होंने गैस गीजर लगाया था. पुराने सिलेंडर की गैस खत्म होने के कारण 2 दिन पहले ही नया सिलेंडर लगाया गया. शुक्रवार की रात भोजन करने के बाद पूरा परिवार सो गया. रात में सिलेंडर से लिक्विड पेट्रोलियम गैस का रिसाव होने लगा. पूरा घर बंद था, इसीलिए गैस बाहर नहीं निकल पाई. आश्चर्य की बात ये है कि परिवार के किसी सदस्य को भारी मात्रा में गैस रिसाव होने के बावजूद बदबू नहीं आई.
शनिवार की सुबह 5.30 बजे के दौरान गजानन की नींद खुली. किचन में जाकर जैसे ही उन्होंने लाइट शुरू की, जोरदार धमाका हुआ. यह धमाका इतना जोरदार था कि दबाव से किचन की 9 ईंच की दीवार ढह गई. 3 कमरों के दरवाजे और खिड़की चौखट से टूटकर उड़ गए. गजानन झुलसने के साथ ही धमाके की वजह से दीवार से टकरा गए. बगल के कमरे में सो रही उनकी पत्नी उर्मिला और बहू आरती भी बुरी तरह झुलस गई. संजोग से संकेत को ज्यादा चोट नहीं आई.
धमाके के साथ खुली लोगों की नींद
धमाका इतना जोरदार था कि आस-पास के मकानों में भी कंपन महसूस किया गया. आवाज से लोगों की नींद उड़ गई. सभी अपने घरों से बाहर निकले तो बिंड का घर तहस-नहस दिखाई दिया. तुरंत लोगों ने बचाव-कार्य शुरू कर दिया. बिना समय गवाएं जख्मियों को उपचार के लिए अस्पताल रवाना किया गया. कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और पंचनामा किया. नागरिकों ने घर की जांच की तो सिलेंडर जैसा का वैसा पड़ा हुआ था. सिलेंडर में टूट-फूट के कोई निशान नहीं होने के कारण यह समझ नहीं आ रहा था कि आखिर विस्फोट हुआ कैसे. ऐसे में सुबह 9 बजे के दौरान किसी ने दमकल विभाग को जानकारी दी.
सावधानी बरतें नागरिक : सीएफओ राजेंद्र उचके
इस संबंध में सीएफओ राजेंद्र उचके से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि विस्फोट सिलेंडर में नहीं, बल्कि गैस में हुआ. 2 दिन पहले ही नया सिलेंडर गीजर पर लगाया गया. रात भर में सिलेंडर से भारी मात्रा में गैस रिसाव हुआ. पूरा घर बंद था. लिक्विड पेट्रोलियम गैस हवा से भारी होती है. इसीलिए जमीनी सतह पर गैस जमती रही. जैसे ही गजानन ने लाइट शुरू की, विस्फोट हो गया. इसी वजह से सिलेंडर को कुछ नहीं हुआ.
उन्होंने कहा, नागरिकों को सिलेंडर का उपयोग करने में सावधानी बरतनी चाहिए. सिलेंडर को ऐसे स्थान पर रखें, जहां वेंटिलेशन हो. नया सिलेंडर बदलते समय पूरी जांच करें कि कहीं से गैस लीक न हो रही हो. रात को सोते समय गैस का रेग्युलेटर बंद कर दें. एलपीजी में इथिल मरकैप्टन गैस भी डाली जाती है, जिससे गैस लीक होने पर आपको बदबू आती है. आश्चर्य की बात ये है कि इतने बड़े प्रमाण में गैस लीक हुई और किसी को बदबू नहीं आई.