अमित शाह के बयान पर विपक्षी दलों ने बीजेपी और आरएसएस के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “कल अमित शाह ने संसद में बार-बार आंबेडकर का नाम लिया। आप कौन होते हैं इस तरह बोलने वाले? बाबा साहब, जिन्होंने हमें संविधान दिया, उनका अपमान हम स्वीकार नहीं कर सकते। क्या बीजेपी या आरएसएस इस पर अमित शाह के खिलाफ कोई कार्रवाई करेंगे?”
उद्धव ठाकरे ने सवाल उठाया कि बीजेपी के सहयोगी दलों को भी इस बयान पर अपनी राय स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “यह नहीं लगता कि अमित शाह ने यह बयान किसी के निर्देश पर दिया होगा। मैं प्रधानमंत्री से कोई मांग करने वाला नहीं हूं, लेकिन क्या इस पर कार्रवाई होगी या यह बयान स्वयं प्रधानमंत्री की सहमति से दिया गया है? इसका स्पष्टीकरण जरूरी है।”
बीजेपी की विचारधारा पर हमला: उद्धव ठाकरे ने बीजेपी की विचारधारा पर सवाल खड़े करते हुए कहा, “क्या अमित शाह का यह निजी मत है या पूरे संगठन का? बीजेपी का हिंदुत्व ‘मुंह में राम, बगल में छुरी’ जैसा है। महाराष्ट्र में उन्हें कुछ भी तोड़ने-मरोड़ने की छूट नहीं है। पहले आंबेडकर का अपमान बंद करें, फिर वन नेशन, वन इलेक्शन जैसे मुद्दों पर बात करें।”
अमित शाह का बयान: राज्यसभा में मंगलवार (17 दिसंबर) को अमित शाह ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा था, “आजकल लोग आंबेडकर-आंबेडकर-आंबेडकर कहते हैं। यदि भगवान का इतना नाम लेते तो सात जन्म तक स्वर्ग मिलता।” इस बयान को लेकर विपक्षी दलों ने कड़ा विरोध जताया है।
हालांकि, अमित शाह ने आगे यह भी कहा था, “हम आंबेडकर का नाम लिए जाने से खुश हैं। जितना चाहें नाम लें, लेकिन उनके प्रति आपकी सोच क्या है, यह मैं बताता हूं। आंबेडकर जी ने भेदभाव, विदेश नीति, और अनुच्छेद 370 से असहमति जताते हुए देश की पहली कैबिनेट से इस्तीफा दिया था। उन्हें जो आश्वासन दिया गया था, वह पूरा नहीं हुआ, इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया।”