
धर्म और राजनीति: क्या ये अलग हो सकते हैं?
भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में धर्म और राजनीति के बीच का संबंध हमेशा से ही एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा रहा है।हमारे देश का संविधान धर्मनिरपेक्ष है, जिसका मतलब है […]

नौकरी नहीं, स्वरोज़गार ही रास्ता है क्या?
आज के दौर में हम लगातार सुनते हैं कि नौकरी के मौके कम हो रहे हैं, मांग और आपूर्ति में अंतर बढ़ रहा है, और युवा बेरोज़गारी की समस्या से […]

किसान की बात कौन सुने?
हमारे देश की सबसे मजबूत और अहम धुरी, जिसे हम अक्सर भूल जाते हैं, वो है किसान।हमारे लिए जो अनाज थाली में होता है, वही किसान की मेहनत का परिणाम […]

राजनीति में युवाओं की भागीदारी: ज़रूरत या विकल्प?
भारत में राजनीति का परिदृश्य हमेशा से ही व्यापक और जटिल रहा है।जहां एक ओर हम लोकतंत्र का पर्व मनाते हैं, वहीं दूसरी ओर युवाओं की राजनीतिक भागीदारी को लेकर […]

पेपर लीक और परीक्षा प्रणाली में भ्रष्टाचार
परीक्षा स्थगित कर दी गई है… पेपर लीक हो गया है।”यह वाक्य अब छात्रों के लिए नया नहीं रहा।हर साल, किसी न किसी राज्य या बोर्ड में यही खबरें सुर्खियाँ […]

स्वदेशी बनाम विदेशी ब्रांड्स: क्या हम आत्मनिर्भर बन रहे हैं?
“वो मेड इन इंडिया है या चाइना?”“पंतजलि लेंगे या कोलगेट?”“क्या आप Amazon के बजाय किसी भारतीय ऐप से खरीदारी करते हैं?” इन सवालों का जवाब अब सिर्फ पसंद पर नहीं, […]