पुणे हवाई अड्डे का नाम बदलने का प्रस्ताव महाराष्ट्र विधानसभा से पारित

pune airport similar image
  • Save

महाराष्ट्र विधानसभा ने हाल ही में पुणे के लोहेगांव स्थित हवाई अड्डे का नाम बदलकर “जगद्गुरु संत तुकाराम महाराज हवाई अड्डा” करने का प्रस्ताव पारित किया है। यह प्रस्ताव उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने विधानसभा में पेश किया, जिसे नियम 110 के तहत मंजूरी दी गई। अब इस नाम परिवर्तन को औपचारिक रूप देने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।

इससे पहले महाराष्ट्र की कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी थी। नाम परिवर्तन का यह प्रस्ताव सितंबर में महायुति सरकार की एक कैबिनेट बैठक में पारित हुआ था। इस निर्णय का उद्देश्य महान संत तुकाराम महाराज के योगदान को सम्मान देना और लोहेगांव क्षेत्र से उनके ऐतिहासिक जुड़ाव को दर्शाना है।

नाम बदलने के पीछे का तर्क

नाम परिवर्तन के संबंध में पूर्व नागरिक उड्डयन और सहयोग राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोले ने बताया कि संत तुकाराम महाराज का जन्म लोहेगांव में हुआ था। वर्तमान में इसी क्षेत्र में पुणे का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा स्थित है। संत तुकाराम ने अपना प्रारंभिक जीवन यहीं बिताया था और उनका इस स्थान से एक गहरा संबंध है।

मुरलीधर मोहोले ने कहा, “लोहेगांव में संत तुकाराम महाराज का जन्म हुआ था। उन्होंने अपना बचपन इसी गांव में बिताया, जो आज पुणे का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस क्षेत्र के लोगों और महाराष्ट्र के वर्कारी समुदाय ने लंबे समय से इस हवाई अड्डे का नाम संत तुकाराम महाराज के नाम पर रखने की मांग की थी। यह निर्णय उनके ऐतिहासिक और सामाजिक योगदान को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।”

महायुति सरकार की मंजूरी

महायुति सरकार के कार्यकाल के दौरान, इस प्रस्ताव को पहली बार कैबिनेट स्तर पर चर्चा के लिए लाया गया था। इसके बाद इसे मंजूरी दी गई और अब विधानसभा ने इसे पारित कर दिया है। यह नामकरण संत तुकाराम के प्रति सम्मान प्रकट करने और उनके विचारों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने की एक पहल है।

संत तुकाराम महाराज का योगदान

संत तुकाराम महाराज 17वीं सदी के एक महान संत और समाज सुधारक थे, जो महाराष्ट्र में भक्ति आंदोलन के अग्रदूतों में से एक थे। उनकी रचनाएं और विचार आज भी समाज को प्रेरणा देते हैं। उन्होंने अभंग (एक प्रकार का धार्मिक गीत) लिखकर ईश्वर भक्ति, समानता, और सामाजिक एकता का संदेश दिया। लोहेगांव उनका जन्म स्थान होने के कारण इस क्षेत्र के लोग और वर्कारी समुदाय उनके प्रति गहरी श्रद्धा रखते हैं।

स्थानीय समुदाय का योगदान

इस नामकरण के पीछे स्थानीय ग्रामीणों और महाराष्ट्र के वर्कारी समुदाय की प्रमुख भूमिका रही है। उन्होंने अपनी मांग को राज्य सरकार तक पहुंचाया, जिसके परिणामस्वरूप यह प्रस्ताव मंजूर किया गया। वर्कारी समुदाय, जो तुकाराम महाराज को अपना आध्यात्मिक गुरु मानता है, इस निर्णय से बेहद खुश है।

केंद्र सरकार से मंजूरी का इंतजार

अब यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, जहां इसे अंतिम स्वीकृति दी जाएगी। नाम परिवर्तन की प्रक्रिया में केंद्र की मंजूरी एक अनिवार्य चरण है। अगर इसे केंद्र से मंजूरी मिलती है, तो पुणे का हवाई अड्डा “जगद्गुरु संत तुकाराम महाराज हवाई अड्डा” के नाम से जाना जाएगा।

स्थानीय और सांस्कृतिक महत्व

यह कदम न केवल संत तुकाराम महाराज के प्रति सम्मान को दर्शाता है, बल्कि लोहेगांव और पुणे क्षेत्र की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को भी उजागर करता है। संत तुकाराम महाराज की पहचान महाराष्ट्र के लिए गौरव का विषय है, और उनके नाम पर हवाई अड्डे का नामकरण पूरे राज्य के लिए गर्व की बात होगी।

भविष्य की दिशा

इस बदलाव से पुणे के हवाई अड्डे को एक नई पहचान मिलेगी, जो इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करेगा। इसके अलावा, यह नामकरण तुकाराम महाराज के संदेश और योगदान को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने में सहायक होगा।

संत तुकाराम महाराज की प्रेरणा और उनके द्वारा दिए गए संदेश को ध्यान में रखते हुए, यह फैसला न केवल पुणे बल्कि पूरे महाराष्ट्र के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। अब केंद्र सरकार की स्वीकृति के बाद इस फैसले को अमलीजामा पहनाया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share via
Copy link