15 अगस्त – स्वतंत्रता दिवस: आज़ादी और एकता का महापर्व

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15 अगस्त 1947 का दिन भारतीय इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय है। इसी दिन भारत ने ब्रिटिश साम्राज्य की लगभग 200 वर्षों की गुलामी से आज़ादी प्राप्त की और एक स्वतंत्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में अपनी यात्रा शुरू की। यह दिन हमारे देशवासियों के लिए गर्व, देशभक्ति और बलिदान की अमिट यादें लेकर आता है। स्वतंत्रता दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि उन वीर सपूतों को नमन करने का अवसर है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें स्वतंत्रता दिलाई। महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, सुभाष चंद्र बोस जैसे अनगिनत नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष और त्याग के कारण ही आज हम खुले आसमान में सांस ले पा रहे हैं।

इस दिन पूरे देश में ध्वजारोहण समारोह, परेड, सांस्कृतिक कार्यक्रम और देशभक्ति गीतों की गूंज सुनाई देती है। दिल्ली के लाल किले से प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित करते हैं, जिसमें देश की उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा होती है। स्कूलों और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जहां बच्चे देशभक्ति कविताएं, नाटक और नृत्य प्रस्तुत करते हैं। हर घर और गली में तिरंगे की शान लहराती है, जो हमें एकता और भाईचारे का संदेश देती है।

स्वतंत्रता दिवस हमें यह याद दिलाता है कि आज़ादी एक अनमोल उपहार है, जिसे पाने के लिए अनगिनत बलिदान हुए हैं। इसलिए इसे संजोना और आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है। यह दिन हमें प्रेरित करता है कि हम जाति, धर्म, भाषा या क्षेत्र के भेदभाव से ऊपर उठकर एक मजबूत, समावेशी और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना योगदान दें। 15 अगस्त केवल अतीत की याद नहीं, बल्कि एक उज्ज्वल और सशक्त भविष्य की ओर बढ़ने का संकल्प भी है।

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