स्मार्ट सिटी परियोजना एक भव्य दृष्टिकोण है, जिसमें शहरों को अत्याधुनिक तकनीकी समाधान, बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर, और नागरिकों की ज़िंदगी को सुविधाजनक बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस “स्मार्ट” पहल के बीच खराब सड़कों का क्या काम है?
अगर हम स्मार्ट सिटी का नाम लें और साथ ही सड़कों की गुणवत्ता पर चर्चा करें, तो यह एक विरोधाभास प्रतीत होता है। कैसे एक ऐसी स्मार्ट सिटी, जो अपने आपको सबसे बेहतर बनाने का दावा करती है, वहीं पर टूटी-फूटी सड़कों और गड्ढों से जूझ रही है? क्या यह विकास की एक त्रुटि है या कुछ और?
स्मार्ट सिटी का सपना – एक नई उम्मीद
स्मार्ट सिटी की परिकल्पना का उद्देश्य है:
- स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर – हर जगह तेज़ इंटरनेट, स्मार्ट ट्रांसपोर्टेशन, और डिजिटल सुविधाएं
- नवाचार और विकास – तकनीकी समाधान के जरिए बेहतर जीवनशैली
- सुरक्षा और पर्यावरण – प्रदूषण नियंत्रण और सुरक्षा सुविधाएं
लेकिन इन सबकी नींव मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर पर टिकी होती है, जो अब तक काफी हद तक नाकाम साबित हो रहा है।
खराब सड़कें – स्मार्ट सिटी के लिए सबसे बड़ा खतरा?
स्मार्ट सिटी बनने के बावजूद, हमारी सड़कों का क्या हाल है? ये सड़कों पर बने गहरे गड्ढे, सड़क पर मिट्टी और धूल, और टूटे फूटे हिस्से कैसे उस स्मार्ट सिटी के विकास को दर्शाते हैं?
- खराब सड़कों की समस्या: कई शहरों में सड़कें अब भी सही से बनी नहीं हैं। कई बार इन सड़कों पर रिपेयर काम भी महीनों तक अधूरा पड़ा रहता है।
- आवागमन में कठिनाई: खराब सड़कों की वजह से ट्रैफिक जाम, दुर्घटनाएं, और वहनीयता की समस्याएं बढ़ जाती हैं।
- सार्वजनिक परिवहन की मुश्किलें: स्मार्ट सिटी के तहत विकसित होने वाले सार्वजनिक परिवहन तंत्र भी इन खराब सड़कों पर सुचारू रूप से कार्य नहीं कर पाते।
क्या स्मार्ट सिटी का विकास सड़क निर्माण से नहीं जुड़ा?
स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत सड़कें केवल दृश्य रूप में और सुरक्षा के लिहाज़ से नहीं बनानी चाहिए, बल्कि इनका संगठनात्मक और तकनीकी रूप से भी मजबूत होना जरूरी है। कुछ बुनियादी बातें जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है:
- सड़क निर्माण में गुणवत्ता: स्मार्ट सिटी में होने वाली सड़कों की गुणवत्ता को उच्चतम मानकों पर रखा जाए।
- स्मार्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग: सड़क निर्माण में स्मार्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाए, जैसे स्मार्ट सेंसर्स, गड्ढा भरने की तकनीक, और जल निकासी की सुधार प्रणाली।
- प्रारंभिक योजना और निगरानी: सड़क निर्माण के समय एक प्रभावी योजना और निरंतर निगरानी सुनिश्चित की जाए, ताकि बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर पूरा किया जा सके।
स्मार्ट सिटी बनाना है तो सड़कें भी स्मार्ट बनानी होंगी!
यहां पर सवाल उठता है – क्या हम स्मार्ट सिटी की बात तो करते हैं, लेकिन उसके बुनियादी ढांचे को नजरअंदाज कर देते हैं? अगर सड़कें टूट रही हैं, तो इसका सीधा असर शहर के स्मार्टनेस पर पड़ता है। और जब सड़कों पर ही तकनीकी समस्या होगी, तो स्मार्ट सिस्टम कैसे काम करेगा?
अगर स्मार्ट सिटी की बातें सिर्फ सॉफ्टवेयर और तकनीकी नवाचारों तक ही सीमित रहती हैं, तो फिर यह एक सतही सुधार बनकर रह जाएगा। स्मार्ट सिटी के लिए आवश्यक है कि सड़कें मजबूत, बेहतर परिवहन तंत्र और सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
क्या किया जा सकता है?
- समय पर सड़क निर्माण और मरम्मत: यदि सड़क निर्माण स्मार्ट सिटी के विकास का हिस्सा है, तो उसे समय पर पूरा किया जाना चाहिए।
- स्मार्ट रोड मॉनिटरिंग सिस्टम: सड़क पर कोई भी अव्यवस्था तुरंत हल करने के लिए स्मार्ट रोड मॉनिटरिंग लागू की जा सकती है।
- जनता की भागीदारी: सड़क सुधार की प्रक्रिया में नागरिकों को शामिल किया जाए ताकि उनकी समस्याओं को प्राथमिकता से हल किया जा सके।
- इको-फ्रेंडली सड़क निर्माण: सड़कों को बनाने में इको-फ्रेंडली मटीरियल का उपयोग किया जाए।
निष्कर्ष
स्मार्ट सिटी का सपना केवल डिजिटल तकनीक और आधुनिकता तक ही सीमित नहीं रह सकता। इसके लिए मूलभूत बुनियादी ढांचे का मजबूत होना भी ज़रूरी है, जिसमें सड़कें एक अहम हिस्सा हैं। जब तक हम स्मार्ट सिटी के तहत सड़कों की गुणवत्ता और अन्य बुनियादी सुविधाओं को नजरअंदाज करते रहेंगे, तब तक यह स्मार्टनेस अधूरी रहेगी।
“स्मार्ट सिटी तब बनेगी, जब इसकी सड़कें भी स्मार्ट होंगी!”