समय पर बिजली मरम्मत क्यों नहीं होती?

हम सबने कभी न कभी यह अनुभव ज़रूर किया होगा —
बिजली चली गई, शिकायत दर्ज कर दी, लेकिन घंटों बीत गए… मरम्मत टीम नहीं आई।
यह समस्या केवल ग्रामीण इलाकों तक सीमित नहीं है, बल्कि कई शहरी क्षेत्रों में भी बिजली मरम्मत में विलंब (Delay) एक आम बात बन गई है।

इस ब्लॉग में हम जानेंगे:

  • समय पर बिजली मरम्मत क्यों नहीं हो पाती,
  • इससे जनता पर क्या असर पड़ता है,
  • और इसका समाधान क्या हो सकता है।

मरम्मत में देरी के मुख्य कारण

1. कर्मचारियों की कमी

बिजली विभागों में लाइनमैन, टेक्नीशियन और इंजीनियरों की भारी कमी है।
एक ही कर्मचारी को कई गांवों या मोहल्लों की जिम्मेदारी दे दी जाती है।

“एक लाइनमैन – 10 गांव!”


2. उपकरण और संसाधनों की कमी

मरम्मत के लिए जरूरी उपकरण जैसे इंसुलेटेड रॉड, सेफ्टी बेल्ट, ट्रक, ट्रांसफॉर्मर पार्ट्स आदि या तो उपलब्ध नहीं होते, या खराब हालत में होते हैं।


3. भ्रष्टाचार और लापरवाही

कुछ क्षेत्रों में शिकायतें दबा दी जाती हैं या अनदेखी की जाती है।
मरम्मत का काम सिर्फ “कागज़ पर” हो जाता है।


4. मौसम की बाधाएं

तेज़ बारिश, तूफान या गर्मी के मौसम में मरम्मत कार्य करना जोखिम भरा होता है — जिससे देरी होती है।


5. कार्य प्रणाली की जटिलता

कई बार शिकायत को अधिकारियों की अनुमति, फॉर्म भरना, ठेकेदार की उपलब्धता जैसे स्टेप्स से होकर गुजरना पड़ता है, जिससे समय लगता है।


जनता पर पड़ने वाला प्रभाव

प्रभावविवरण
🔥 गर्मी और असुविधापंखे, कूलर, एसी बंद — खासकर बुज़ुर्गों और बच्चों को तकलीफ़
📚 पढ़ाई पर असरछात्रों की पढ़ाई रुक जाती है, खासकर ऑनलाइन क्लासेज
📉 व्यापार में नुकसानदुकानों, उद्योगों, और ऑनलाइन सेवाओं पर असर
⚠️ सुरक्षा जोखिमअंधेरे में चोरी, हादसे, और सड़क दुर्घटनाएं बढ़ती हैं
❌ सरकारी योजनाओं में बाधाबिजली पर निर्भर जन कल्याण योजनाएं रुक जाती हैं

समाधान क्या हैं?

1. कर्मचारी संख्या बढ़ाना

हर क्षेत्र के हिसाब से पर्याप्त टेक्नीशियन और लाइनमैन की नियुक्ति की जानी चाहिए।


2. उपकरणों की समय पर आपूर्ति

मरम्मत टीमों को फुल किट उपलब्ध कराना जरूरी है — हेलमेट से लेकर ट्रांसफॉर्मर पार्ट तक।


3. डिजिटलीकरण

ऑनलाइन शिकायत प्रणाली और ट्रैकिंग सिस्टम से काम में पारदर्शिता और गति लाई जा सकती है।
जैसे: शिकायत दर्ज करने के बाद ETA (Estimated Time of Arrival) दिया जाए।


4. ज़िला स्तर पर मरम्मत कंट्रोल रूम

हर जिले या ब्लॉक में एक 24×7 कंट्रोल रूम हो, जहां से मरम्मत टीमों को मॉनिटर किया जाए।


5. उपभोक्ता की भागीदारी

शिकायत के बाद फॉलो-अप करना, RTI डालना, या जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज करना असरदार हो सकता है।


निष्कर्ष

समय पर बिजली मरम्मत न होना केवल तकनीकी समस्या नहीं है, यह व्यवस्था की लापरवाही और अव्यवस्था का संकेत भी है।
जब तक उपभोक्ता जागरूक नहीं होंगे और जवाबदेही तय नहीं की जाएगी — तब तक “शिकायत दर्ज है, टीम भेजी जा रही है” सुनते रहेंगे।

🔌 बिजली सभी की जरूरत है — मरम्मत भी समय पर होना ज़रूरी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share via
Copy link