अमरावती. पिछले वर्ष मिट्टी में औसत से अधिक वसा का जमाव रबी मौसम के लिए पोषक साबित हुआ है। वर्तमान में औसत क्षेत्रफल की तुलना में 114 प्रतिशत क्षेत्रफल में बुआई हो चुकी है। इसके और बढ़ने की संभावना है। वर्तमान में रकबा 21 हजार 581 हेक्टेयर बढ़ गया है। इस मौसम में गेहूँ और चने का क्षेत्रफल अधिक होता है, इसलिए देखा जा रहा है कि किसानों का रुझान पारंपरिक फसलों की ओर अधिक है।

कृषि विभाग ने इस वर्ष रबी सीजन के लिए 1,48,879 हेक्टेयर भूमि प्रस्तावित की थी। इस औसत क्षेत्रफल की तुलना में वर्तमान में 1,70460 हेक्टेयर में बुआई हो चुकी है। इसमें नौ तहसीलों में औसत क्षेत्रफल को पार कर लिया गया है। इसमें सबसे ज्यादा 306 फीसदी बुआई चांदुर रेलवे तहसील में हुई, जबकि सबसे कम 35 फीसदी बुआई दरियापुर तहसील में हुई। इस तहसील में कपास का क्षेत्र अधिक होने के कारण रबी की बुआई कम हुई है।
इस वर्ष ख़रीफ़ सीज़न में, सभी तहसीलों में औसत से अधिक वर्षा होने के कारण, मिट्टी ने नालों को रिचार्ज कर दिया है और इसके कारण मिट्टी में नमी बढ़ गई है। यह नमी कृषि योग्य फसलों के लिए पोषक तत्व बन गई है, इसलिए रबी के रकबे में बढ़ोतरी की तस्वीर दिख रही है। बुआई का रकबा भी कम से कम एक सप्ताह बढ़ जाएगा क्योंकि उन जगहों पर ग्रीष्मकालीन ज्वार या गेहूं की बुआई हो रही है। उल्लेखनीय है कि जिले में पिछले वर्ष से ग्रीष्मकालीन ज्वार का क्षेत्रफल बढ़ रहा है।