पंजाब में नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई: ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ अभियान की सफलता की कहानी
पंजाब सरकार ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में नशे के खिलाफ एक निर्णायक अभियान ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ शुरू किया है, जो राज्य को नशा मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अभियान के तहत, पंजाब पुलिस ने अब तक 6,138 से अधिक नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है और बड़ी मात्रा में मादक पदार्थों की बरामदगी की है।
प्रमुख उपलब्धियाँ
- गिरफ्तारी और बरामदगी: अभियान के 47वें दिन तक, पुलिस ने 121 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया और 4.7 किलोग्राम हेरोइन, 2.6 किलोग्राम अफीम, और ₹1.08 लाख की ड्रग मनी बरामद की।
- महिला तस्करों पर कार्रवाई: पंजाब पुलिस ने पहली बार महिला नशा तस्करों के खिलाफ व्यापक कार्रवाई करते हुए 407 महिलाओं को गिरफ्तार किया है।
- सीमा पार नेटवर्क का भंडाफोड़: पुलिस ने पाकिस्तान समर्थित नार्को-आतंकी हवाला नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए 11 लोगों को गिरफ्तार किया और ₹5.09 करोड़ की विदेशी मुद्रा जब्त की।
प्रशासनिक सख्ती
नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई न करने पर बठिंडा जिले में एक SHO और सहायक SHO को निलंबित कर दिया गया है, जिससे स्पष्ट होता है कि सरकार इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगी।
सामुदायिक भागीदारी
पुलिस ने शहरी क्षेत्रों में मोहल्ला समितियों की स्थापना की योजना बनाई है, जिससे स्थानीय समुदायों को नशे के खिलाफ जागरूक किया जा सके और उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।
निष्कर्ष
‘युद्ध नशों विरुद्ध’ अभियान पंजाब को नशा मुक्त बनाने की दिशा में एक प्रभावी प्रयास है। पुलिस की सक्रियता, प्रशासनिक सख्ती, और सामुदायिक भागीदारी इस अभियान की सफलता की कुंजी हैं। यदि यह रफ्तार बनी रही, तो पंजाब जल्द ही नशे के चंगुल से मुक्त हो सकता है।