प्रधानमंत्री मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति के बीच द्विपक्षीय वार्ता

प्रधानमंत्री मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति के बीच द्विपक्षीय वार्ता: भारत-श्रीलंका संबंधों में नया अध्याय

अप्रैल 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुर कुमार दिसानायके के साथ कोलंबो में महत्वपूर्ण द्विपक्षीय वार्ता की। यह राष्ट्रपति दिसानायके के सितंबर 2024 में पदभार ग्रहण करने के बाद किसी विदेशी नेता की पहली राज्य यात्रा थी, जो दोनों देशों के बीच गहरे संबंधों को दर्शाती है।​

प्रमुख समझौते और सहयोग क्षेत्र

1. ऊर्जा और डिजिटल सहयोग

  • भारत ने श्रीलंका में 120 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना की शुरुआत की और दोनों देशों के बीच विद्युत ग्रिड को जोड़ने की योजना पर चर्चा की।
  • श्रीलंका के डिजिटल पहचान परियोजना (SLUDI) के लिए भारत ने ₹300 मिलियन की सहायता प्रदान की। ​

2. रक्षा और समुद्री सुरक्षा

  • दोनों देशों ने रक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की, जिसमें संयुक्त अभ्यास और समुद्री निगरानी शामिल हैं।
  • श्रीलंका ने भारत को आश्वासन दिया कि उसकी भूमि का उपयोग भारत की सुरक्षा या क्षेत्रीय स्थिरता के खिलाफ नहीं किया जाएगा। ​

3. आर्थिक सहयोग और निवेश

  • भारत ने श्रीलंका के महो-ओमानथाई रेलवे लाइन के सिग्नलिंग सिस्टम के लिए $14.9 मिलियन की ऋण राशि को अनुदान में परिवर्तित किया।
  • दोनों देशों ने त्रिंकोमाली में ऊर्जा हब विकसित करने के लिए भारत और यूएई के साथ त्रिपक्षीय साझेदारी की योजना बनाई। ​

4. मछुआरों और समुद्री सीमाओं से संबंधित मुद्दे

  • दोनों नेताओं ने मछुआरों के मुद्दे पर चर्चा की और अवैध मछली पकड़ने की गतिविधियों को रोकने के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।
  • श्रीलंका ने संयुक्त राष्ट्र महाद्वीपीय शेल्फ सीमा आयोग में अपनी दावेदारी पर भारत से तकनीकी चर्चा शुरू करने का अनुरोध किया। ​

सांस्कृतिक और सामाजिक पहल

  • भारत ने श्रीलंका में 5,000 धार्मिक स्थलों पर सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित करने की परियोजना शुरू की।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने अनुराधापुर में पवित्र जय श्री महा बोधि वृक्ष के दर्शन किए, जो भारत-श्रीलंका के बौद्धिक और सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक है। ​

विशेष सम्मान

श्रीलंका ने प्रधानमंत्री मोदी को “श्रीलंका मित्र विभूषण” से सम्मानित किया, जो किसी विदेशी नेता को दिया जाने वाला सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। ​

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत-श्रीलंका संबंधों में एक नए युग की शुरुआत का संकेत देती है। ऊर्जा, रक्षा, डिजिटल, और सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाकर दोनों देशों ने अपने संबंधों को और मजबूत किया है। यह यात्रा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करती है, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।​

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