जब दुनिया लॉकडाउन में थी, स्कूल-कॉलेज बंद थे, और बच्चे घरों में कैद – तभी एक युवा ने यह सोचा:
“अगर क्लासरूम तक नहीं जा सकते, तो क्लासरूम को घर तक क्यों न लाया जाए?”
यहीं से जन्म हुआ एक छोटे से ऑनलाइन एजुकेशन स्टार्टअप का, जिसने न केवल हज़ारों छात्रों की ज़िंदगी बदली, बल्कि भारत में डिजिटल लर्निंग की क्रांति को आगे बढ़ाया।
आज हम बात कर रहे हैं “ज्ञानदीप लर्निंग” की – एक ऐसे प्लेटफ़ॉर्म की, जो 2020 में शुरू हुआ और आज 5 लाख+ स्टूडेंट्स की पहली पसंद बन चुका है।
शुरुआत: एक लैपटॉप, दो दोस्त और एक मिशन
इस कहानी की शुरुआत होती है बिहार के छोटे से शहर आरा से, जहां रोहित वर्मा और सुशांत सिंह, दो दोस्त, टीचिंग के शौक के साथ बैठे थे। COVID-19 के कारण स्कूल बंद थे और छात्रों की पढ़ाई पूरी तरह से ठप हो गई थी।
उन्होंने Zoom और YouTube पर 10वीं और 12वीं की मुफ्त ऑनलाइन क्लासेस देना शुरू किया।
शुरुआत के पहले हफ्ते में सिर्फ 12 स्टूडेंट्स जुड़े।
लेकिन उनकी पढ़ाने की शैली, हिंदी में आसान भाषा और गहराई से समझाने का तरीका इतना असरदार था कि 3 महीने में ही YouTube पर 50,000 सब्सक्राइबर्स हो गए।
आइडिया से स्टार्टअप तक
छात्रों की बढ़ती डिमांड को देखते हुए उन्होंने एक वेबसाइट और ऐप डेवलप कराया – GyanDeep Learning App।
यहां छात्र पा सकते थे:
- विषयवार वीडियो लेक्चर्स
- क्विज़ और टेस्ट सीरीज़
- करियर गाइडेंस सेशंस
- लाइव डाउट सॉल्विंग क्लासेस
- सस्ती कीमत में कोर्सेस (₹49 से शुरू)
उनका मकसद था: “हर गांव का बच्चा भी डिजिटल इंडिया का हिस्सा बने।”
सफलता की सीढ़ियाँ
- लोकल लैंग्वेज पर फोकस – Hindi और स्थानीय बोलियों में टीचिंग
- कम कीमत, ज्यादा वैल्यू – गरीब छात्रों के लिए स्कॉलरशिप
- इनोवेटिव मार्केटिंग – WhatsApp ग्रुप्स, गांवों में पोस्टर कैंपेन
- शिक्षकों की टीम – 50+ अनुभवी फैकल्टी पूरे देश से जुड़े
- फीडबैक और अपग्रेडेशन – स्टूडेंट्स के सुझावों पर लगातार काम
2023 के अंत तक:
- 5 लाख+ ऐप डाउनलोड
- 4.8 स्टार की रेटिंग
- 150+ शहरों से छात्र जुड़े
- और पहला निवेश मिला ₹1 करोड़ का
क्या सीख सकते हैं हम इस कहानी से?
- समस्या को समझें – समाधान वहीं से निकलता है
- बड़ा पैसा नहीं, बड़ा मकसद चाहिए
- अगर आप सच्चे हैं, लोग खुद जुड़ेंगे
- डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स आज किसी को भी ग्लोबल बना सकते हैं
- गांव से भी ग्लोबल ब्रांड खड़ा हो सकता है – सिर्फ़ भरोसा होना चाहिए
अंतिम शब्द: शिक्षा की रोशनी हर घर तक
“ज्ञानदीप लर्निंग” की यह कहानी दिखाती है कि सही सोच, टेक्नोलॉजी और नीयत हो तो बिना किसी बड़े इंवेस्टमेंट के भी एक बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।
इस स्टार्टअप ने न सिर्फ़ सफलता पाई, बल्कि हज़ारों बच्चों के सपनों को भी एक नई दिशा दी।