नागालैंड का हॉर्नबिल फेस्टिवल: जनजातीय संस्कृति का अद्भुत उत्सव

भारत विविधता का देश है, और पूर्वोत्तर भारत इसकी सांस्कृतिक विरासत का एक अनमोल हिस्सा है। इस क्षेत्र की जनजातीय परंपराएँ, रंगीन परिधान, पारंपरिक संगीत और कला की झलक हमें कहीं और नहीं मिलती। नागालैंड का हॉर्नबिल फेस्टिवल इन्हीं सभी खूबियों को एक साथ प्रस्तुत करता है — यह एक ऐसा उत्सव है, जहाँ संस्कृति, परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।


हॉर्नबिल फेस्टिवल क्या है?

हॉर्नबिल फेस्टिवल हर साल 1 से 10 दिसंबर तक नागालैंड की राजधानी कोहिमा के पास किसामा हेरिटेज विलेज में आयोजित होता है।
इस महोत्सव को “फेस्टिवल ऑफ फेस्टिवल्स” कहा जाता है, क्योंकि इसमें नागालैंड की 16 से अधिक जनजातियाँ भाग लेती हैं और अपने-अपने पारंपरिक रीति-रिवाज़, पोशाक, संगीत, नृत्य और भोजन को प्रस्तुत करती हैं।


सांस्कृतिक धरोहर की झलक

यह उत्सव नागालैंड की गहराई से जुड़ी जनजातीय संस्कृति को सहेजने और बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था। यहाँ प्रस्तुत होते हैं:

  • जनजातीय युद्ध नृत्य (War Dance)
  • लोक गीत और पारंपरिक वाद्ययंत्र
  • टैटू और पारंपरिक हथियारों की प्रदर्शनी
  • लोक कथाएँ और रीति-रिवाज़ों का मंचन

यह उत्सव एक जीवित संग्रहालय जैसा है, जहाँ हर दिन एक नई संस्कृति सामने आती है।


संगीत, नृत्य और मनोरंजन

हॉर्नबिल फेस्टिवल केवल पारंपरिक नहीं, बल्कि आधुनिक रंगों से भी भरपूर है:

  • रॉक बैंड प्रतियोगिताएँ, जो पूरे भारत और विदेशों से बैंड्स को आकर्षित करती हैं
  • फैशन शो, जो पारंपरिक परिधानों को आधुनिक दृष्टिकोण से जोड़ते हैं
  • मोटर बाइक रैली, वूड क्राफ्टिंग, रीथो प्रतियोगिता, और बहुत कुछ

यहाँ हर आयु वर्ग के लिए कुछ न कुछ होता है — रोमांच भी, संस्कृति भी।


नागा भोजन की विविधता

खाने के शौकीनों के लिए हॉर्नबिल फेस्टिवल किसी जन्नत से कम नहीं:

  • स्मोकी पोर्क, अक्सा हॉन हाँग (बांस में पकाई मछली)
  • राजमा चावल का नागा संस्करण
  • स्थानीय पेय और पारंपरिक मिठाइयाँ

हर व्यंजन में होती है एक जनजाति की परंपरा की खुशबू


हस्तशिल्प और लोक कला

फेस्टिवल के दौरान लगने वाले बाजार में देखने को मिलते हैं:

  • हाथ से बने नगा गहने और शॉल
  • बांस और लकड़ी के उत्पाद
  • पारंपरिक हथियारों की सजावटी प्रतिकृतियाँ
  • जैविक उत्पाद और जड़ी-बूटियाँ

यहाँ की कला न केवल देखने लायक होती है, बल्कि स्मृति चिन्ह के तौर पर भी खास होती है।


कब और कहाँ?

  • समय: हर साल 1 से 10 दिसंबर
  • स्थान: किसामा हेरिटेज विलेज, कोहिमा, नागालैंड
  • कैसे पहुँचें: दीमापुर हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन से कोहिमा सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा है

निष्कर्ष

हॉर्नबिल फेस्टिवल केवल एक पर्व नहीं, बल्कि यह भारत की जनजातीय आत्मा का उत्सव है।
यह हमें सिखाता है कि परंपरा को कैसे गर्व और जोश के साथ जिया जा सकता है, और कैसे विविधता में भी एकता की शक्ति है।


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