
तकनीक जिस रफ्तार से आगे बढ़ रही है, उससे अब ऐसे-ऐसे सवाल उठने लगे हैं जिनके बारे में पहले केवल साइंस फिक्शन फिल्मों में ही सोचा जाता था। हाल ही में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), रोबोटिक्स और बायोटेक्नोलॉजी की तरक्की के बीच यह चर्चा तेज़ हो गई है कि क्या भविष्य में रोबोट वाकई इंसानी बच्चे पैदा करने की क्षमता हासिल कर लेंगे?
विज्ञान कहाँ तक पहुँचा है?
वर्तमान में रोबोटिक्स का इस्तेमाल मेडिकल साइंस, सर्जरी, लैब रिसर्च और आर्टिफिशियल रिप्रोडक्शन टेक्नोलॉजी (ART) में हो रहा है। वैज्ञानिक आर्टिफिशियल वूम्ब (Artificial Womb) और सिंथेटिक एम्ब्रियो पर रिसर्च कर रहे हैं। इन प्रयोगों में मशीनों और बायोटेक्नोलॉजी की मदद से गर्भ का शुरुआती वातावरण तैयार किया जा रहा है। हालांकि यह रिसर्च अभी इंसानों पर पूरी तरह से लागू नहीं हुई है।
क्या रोबोट सीधे बच्चे पैदा कर सकते हैं?
विशेषज्ञों का कहना है कि रोबोट खुद से बच्चे पैदा नहीं कर सकते। हाँ, वे प्रजनन तकनीक (Reproductive Technology) को सपोर्ट ज़रूर कर सकते हैं। यानी वे भ्रूण को विकसित करने के लिए आर्टिफिशियल गर्भाशय उपलब्ध करा सकते हैं, लेकिन इसमें भी इंसानी डीएनए और सेल्स की ज़रूरत होगी।
नैतिक और सामाजिक सवाल
अगर भविष्य में रोबोट या मशीनें बच्चे पैदा करने में सक्षम हो जाएँ तो इससे कई बड़े नैतिक और सामाजिक सवाल खड़े होंगे।
- क्या ऐसे बच्चों को “प्राकृतिक इंसान” माना जाएगा?
- उनकी नागरिकता और अधिकार क्या होंगे?
- क्या यह तकनीक केवल अमीर देशों तक सीमित रह जाएगी?
ये सवाल सिर्फ विज्ञान के नहीं बल्कि समाज और कानून से भी जुड़े हैं।
विशेषज्ञों की राय
कई वैज्ञानिक मानते हैं कि इंसानी प्रजनन प्रक्रिया को पूरी तरह से मशीनों पर छोड़ना अभी संभव नहीं है। यह प्राकृतिक रूप से होने वाली एक जटिल प्रक्रिया है जिसे तकनीक पूरी तरह कॉपी नहीं कर सकती। वहीं, कुछ फ्यूचरिस्ट वैज्ञानिक मानते हैं कि अगले 50-100 सालों में यह हकीकत भी बन सकती है।
निष्कर्ष
फिलहाल तो रोबोट्स के इंसानी बच्चे पैदा करने का विचार हकीकत से ज्यादा कल्पना है, लेकिन जिस तरह से AI और बायोटेक्नोलॉजी आगे बढ़ रही हैं, यह कहना मुश्किल है कि आने वाले दशकों में यह नामुमकिन रहेगा। विज्ञान ने हमेशा असंभव को संभव बनाने की राह दिखाई है।