झांसी हत्याकांड: रचना की मौत के पीछे रिश्तों का उलझा राज, पुलिस ने खोला रहस्य

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झांसी का रचना यादव हत्याकांड: रिश्तों के उलझे धागों से जन्मी खौफनाक वारदात

झांसी (उत्तर प्रदेश):
टीकमगढ़ की रहने वाली विधवा रचना यादव की बेरहमी से हत्या का मामला इन दिनों पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। उसका शव सात टुकड़ों में बरामद हुआ, जिसने हर किसी को दहला दिया। पुलिस जांच में सामने आया कि अवैध संबंध और विवाह का दबाव इस सनसनीखेज हत्या की मुख्य वजह बने।

कैसे सामने आया हत्याकांड

13 अगस्त को झांसी के टोड़ीफतेहपुर थाना क्षेत्र के किशोरपुर गांव में एक किसान ने खेत के कुएं में दो बोरे तैरते देखे। जब उन्हें बाहर निकाला गया तो अंदर से महिला के शरीर के टुकड़े मिले। सिर और पैर गायब होने से पुलिस के लिए पहचान करना मुश्किल हो गया।
शिनाख्त के लिए इलाके में 1000 से ज्यादा पोस्टर लगाए गए। इन्हीं की मदद से परिजनों ने पुष्टि की कि शव टीकमगढ़ निवासी रचना यादव का है, जो पिछले चार दिनों से लापता थी।

रिश्तों से हत्या तक

जांच में सामने आया कि रचना का अपने जेठ से मुकदमा चल रहा था, जिसमें महेबा गांव का पूर्व प्रधान संजय पटेल उसकी मदद कर रहा था। इसी दौरान दोनों नजदीक आए और लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगे। लेकिन जब रचना ने शादी का दबाव डालना शुरू किया, तो पहले से शादीशुदा संजय ने अपने भतीजे संदीप पटेल और साथी प्रदीप अहिरवार के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी।

हत्या की साजिश और अंजाम

संजय ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वह रचना के दबाव और पैसों की मांग से परेशान था। इसी वजह से उसने उसे रास्ते से हटाने का फैसला किया। योजना के तहत रचना की हत्या कर शव को टुकड़ों में काटकर बोरियों में भर दिया गया और अलग-अलग स्थानों पर फेंक दिया।

पुलिस की कार्रवाई

इस मामले में मुख्य आरोपी संजय पटेल और उसका भतीजा संदीप पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके थे। तीसरे आरोपी प्रदीप को भी पुलिस ने मुठभेड़ के बाद पकड़ लिया। उसके पैर में गोली लगी है और उसके पास से हथियार भी बरामद हुए। पुलिस का कहना है कि केस अब पूरी तरह सुलझ चुका है।

रचना यादव का अतीत

रचना की पहली शादी टीकमगढ़ में हुई थी, जिससे उसके दो बच्चे हैं। पति से अनबन के बाद वह मायके लौट आई। बाद में झांसी के शिवराज यादव के साथ उसने जीवन बिताना शुरू किया। 2023 में विवाद के बाद उसने शिवराज के भाई पर दुष्कर्म और हत्या की कोशिश का केस दर्ज कराया। इसी मुकदमे की पैरवी करते हुए उसकी मुलाकात संजय पटेल से हुई थी, जो आगे चलकर उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा हादसा बन गया।

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