कुलपति डॉ. राजेंद्र काकड़े का दावा,स्नातकोत्तर हिंदी विभाग में विश्व हिंदी दिवस कार्यक्रम
नागपुर.राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. ने इस बात पर जोर दिया है कि वैश्विक स्तर पर हिंदी ही भारत की पहचान है। राजेंद्र काकडे द्वारा. राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर हिंदी विभाग द्वारा शुक्रवार, 10 जनवरी 2025 को विश्व हिंदी दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में डाॅ. काकड़े मार्गदर्शन कर रहे थे.
कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय प्रभारी प्रतिकुलपति डाॅ. राजेंद्र काकड़े ने निभाई। बैंक ऑफ बड़ौदा के उप महाप्रबंधक श्री टी.पी. नंदा, हिंदी विभागाध्यक्ष डाॅ. मनोज पांडे मौजूद रहे। आज वैश्विक स्तर पर हिंदी की स्वीकार्यता बढ़ रही है। डॉ. हिन्दी भारतीय अस्मिता का प्रतिबिंब है और ज्ञान-विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में हिन्दी की स्वीकार्यता गौरव की बात है। काकड़े ने आगे कहा. हिन्दी सार्वजनिक कामकाज की भाषा है। विकसित भारत में हिंदी की अहम भूमिका है.
कार्यक्रम में हिन्दी साहित्य में विश्वविद्यालय से प्रावीण्य सूची में प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को मुख्य अतिथि द्वारा ‘बड़ौदा मेधावी विद्यार्थी सम्मान’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रथम पुरस्कार 11 हजार रूपये नकद निकिता राऊत को तथा द्वितीय पुरस्कार 7500 रूपये नकद भेरसिंह दमाहे को प्रदान किया गया।
इससे पहले, ‘भारत @2047: युवाओं की भूमिका’ विषय पर एक अंतर-महाविद्यालय भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इस प्रतियोगिता में ओम ढोक को प्रथम, विशाल गढ़नवाल को द्वितीय तथा इन्द्रमन निषाद को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। वक्तृत्व प्रतियोगिता की परीक्षा दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. धीरज कदम एवं मराठी विभाग. अमृता इंदौरकर द्वारा।
मुख्य अतिथि बैंक ऑफ बड़ौदा के उपमहाप्रबंधक श्री. टी.पी. नंदा ने मार्गदर्शन करते हुए बैंकिंग क्षेत्र और शिक्षा क्षेत्र में हिंदी की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बैंक अपनी सामाजिक प्रतिबद्धता के तहत हिंदी में विशेष अंक लाने वाले मेधावी विद्यार्थियों को पुरस्कृत करता है। कार्यक्रम का परिचय देते हुए हिन्दी विभागाध्यक्ष डाॅ. मनोज पांडे ने वैश्विक मंच पर हिंदी की भूमिका पर प्रकाश डाला। यह दिन एकता और सांस्कृतिक गौरव की आवाज के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि हिंदी भारतीय संस्कृति की वैश्विक पहचान का माध्यम है। इस अवसर पर बैंक ऑफ बड़ौदा की हिंदी अधिकारी प्रतिका सकल्ये उपस्थित रहीं। भाषण प्रतियोगिता में विभिन्न महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. संतोष गिरहे द्वारा किया गया।