गुजरात, जो लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी का गढ़ माना जाता है, अब कांग्रेस के लिए एक रणनीतिक प्रयोगशाला बनता जा रहा है। अप्रैल 2025 में यहां आयोजित कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक न केवल राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण रही, बल्कि पार्टी के आंतरिक सुधार, आगामी चुनावों की रणनीति और विपक्षी एकता की दिशा में भी कई संकेत छोड़ गई।
बैठक का स्थान और महत्व
स्थान: साबरमती आश्रम के पास एक आधुनिक सम्मेलन केंद्र, अहमदाबाद, गुजरात
तारीख: 6–7 अप्रैल 2025
गुजरात को बैठक के लिए चुनना कांग्रेस की ओर से एक राजनीतिक संदेश था—“जहां से सत्ता की कहानी शुरू होती है, वहीं से बदलाव का बिगुल बजाया जाएगा।”
बैठक में शामिल हुए प्रमुख नेता
- मल्लिकार्जुन खड़गे – कांग्रेस अध्यक्ष
- राहुल गांधी – पूर्व अध्यक्ष और भारत जोड़ो यात्रा 2.0 के नेता
- प्रियंका गांधी वाड्रा – महिला एवं युवा सशक्तिकरण की दिशा में कार्यरत
- सोनिया गांधी – मार्गदर्शक की भूमिका में
- प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, संगठन महासचिव और विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि
प्रमुख मुद्दे जिन पर चर्चा हुई
1. 2024 लोकसभा चुनाव की समीक्षा
पार्टी ने हाल ही में हुए आम चुनाव में अपनी कमियों और कमजोर रणनीति पर आत्ममंथन किया। विशेष रूप से डिजिटल प्रचार, बूथ स्तर की कमजोरियां, और विपक्षी गठबंधन के समन्वय पर चर्चा हुई।
2. संगठनात्मक सुधार
- जिला और ब्लॉक स्तर पर संगठन को मजबूत करने की रणनीति
- महिला और युवा नेतृत्व को अधिक अवसर देना
- डिजिटल सदस्यता अभियान को फिर से सक्रिय करना
3. विपक्षी एकता
बैठक में विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ के तहत समन्वय की योजना पर भी चर्चा हुई। यह तय किया गया कि भाजपा के खिलाफ साझा न्यूनतम कार्यक्रम तैयार किया जाएगा और राज्य-स्तरीय गठबंधन प्राथमिकता होंगे।
4. गुजरात पर विशेष ध्यान
पार्टी ने यह साफ किया कि गुजरात में अब “फॉर्मल विपक्ष” की भूमिका से आगे जाकर आक्रामक चुनावी रणनीति अपनाई जाएगी। यहां पर संगठनात्मक टूर और स्थानीय मुद्दों पर आंदोलन शुरू करने की योजना है।
राहुल गांधी का संदेश
“यह समय केवल मोदी सरकार की आलोचना करने का नहीं, बल्कि वैकल्पिक राजनीति प्रस्तुत करने का है। हमें जमीनी मुद्दों पर जनता के साथ खड़ा होना होगा।”
जनसंवाद और संकल्प
बैठक के अंत में एक राजनीतिक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें:
- लोकतंत्र की रक्षा,
- मीडिया की स्वतंत्रता,
- संस्थानों की निष्पक्षता,
- बेरोज़गारी और महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर देशव्यापी जनजागरण अभियान चलाने का ऐलान किया गया।
निष्कर्ष
गुजरात में हुई कांग्रेस कार्यसमिति की यह बैठक पार्टी के लिए केवल राजनीतिक आयोजन नहीं थी, बल्कि एक मनोवैज्ञानिक पुनर्निर्माण की पहल भी थी। जहां भाजपा के गढ़ में कांग्रेस ने अपनी रणनीति तय की, वहीं यह संदेश भी दिया कि वह अब मुकाबले के लिए पूरी तरह तैयार है — संगठित, आत्मचिंतनशील और आक्रामक।