जब जनवरी की ठंडी सुबहें गुजरात के आकाश को रंगों से भर देती हैं, तब समझ लीजिए कि अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव की शुरुआत हो चुकी है। यह सिर्फ पतंग उड़ाने का उत्सव नहीं, बल्कि संस्कृति, उत्साह और वैश्विक एकता का पर्व है, जहाँ हर पतंग के साथ उड़ती है एक नई उम्मीद, एक नया जोश।
क्या है अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव?
गुजरात का अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव हर साल मकर संक्रांति (14 जनवरी) के आस-पास अहमदाबाद के साबरमती रिवरफ्रंट पर आयोजित होता है।
यह उत्सव न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर के पतंग प्रेमियों को आकर्षित करता है।
इस महोत्सव में भाग लेने वाले लोग:
- दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से आते हैं: जापान, ब्राज़ील, फ्रांस, अमेरिका, इंडोनेशिया, मलेशिया आदि
- साथ लाते हैं अनोखे डिज़ाइन की, विशाल आकार की, और थीम-आधारित पतंगें
आसमान में उड़ते हैं रंग और कल्पनाएँ
महोत्सव के दौरान आसमान में दिखती हैं:
- ड्रैगन पतंगें
- 3D एनिमेशन थीम पतंगें
- भारतीय झंडे से लेकर सुपरहीरो तक की आकृतियाँ
- माइथोलॉजिकल कैरेक्टर और सांस्कृतिक प्रतीक
आसमान सचमुच एक कलरफुल कैनवास बन जाता है, और हर पतंग एक कला का नमूना।
ज़मीन पर भी होता है उत्सव
पतंग महोत्सव केवल आकाश का खेल नहीं है — ज़मीन पर भी होती हैं:
- लोकनृत्य प्रस्तुतियाँ: गरबा, डांडिया, और विभिन्न राज्यों के लोकनृत्य
- हस्तशिल्प और फूड स्टॉल्स: गुजराती स्वाद जैसे ढोकला, खांडवी, थेपला और जलेबी-फाफड़ा
- कविता पाठ, फोटो प्रदर्शनी, और सांस्कृतिक प्रतियोगिताएँ
मांझा, धागा और दोपहर की टपकती मिठास
गुजरात में मकर संक्रांति को उत्तरायण कहा जाता है, और यह दिन “काटो रे!” की गूंज से भर जाता है।
लोग अपने छतों पर पतंगें लेकर:
- अपने मांझे को काँच-पाउडर से धारदार बनाते हैं
- पूरे दिन आसमान में मुकाबला करते हैं — और जब किसी की पतंग काटी जाती है, तो होता है जीत का जश्न
वैश्विक सहभागिता और सौहार्द
इस महोत्सव की सबसे खूबसूरत बात है संस्कृति का मेल-मिलाप:
- एक ही आकाश के नीचे, अलग-अलग देशों के लोग एक ही खुशी में शामिल होते हैं
- पतंगों के ज़रिए बनते हैं नए दोस्त, साझा अनुभव और सांस्कृतिक समझ
यह आयोजन दिखाता है कि कला और खेल की कोई सीमा नहीं होती।
कब और कहाँ?
- समय: हर साल जनवरी में, मुख्य आयोजन मकर संक्रांति (14 जनवरी) के दिन
- स्थान: साबरमती रिवरफ्रंट, अहमदाबाद, साथ ही राजकोट, सूरत, वडोदरा और पोरबंदर में भी कार्यक्रम होते हैं
- कैसे पहुँचें: अहमदाबाद हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन देश के सभी बड़े शहरों से जुड़ा है
निष्कर्ष
गुजरात का अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव सिर्फ एक त्योहार नहीं — यह है उम्मीद, रंग, और इंसानियत का उत्सव।
यह हमें सिखाता है कि कैसे एक छोटी सी पतंग भी लाखों दिलों को जोड़ सकती है।